विकल्प पार्टी का संविधान

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अनुच्छेदों की सूची

अनुच्छेद-01: पार्टी का नाम
अनुच्छेद-2: पार्टी का उद्देश्य
अनुच्छेद-03: पार्टी में सदस्यता और पार्टी के खिलाफ अभियान के लिए स्वतंत्रता
अनुच्छेद-04: पार्टी के अंग - इन अंगों में से प्रत्येक की शक्तियां और कार्य
अनुच्छेद-05: पार्टी के पदाधिकारी - उनकी शक्तियां और उनके कार्य
अनुच्छेद-06: विवाद - समाधान के नियम और अनुशासन
अनुच्छेद-07: पार्टी के संचालन के नियमों की मूल बातें
अनुच्छेद-08: पार्टी फंड (निधि) और खाता

अनुच्छेद-09: पार्टी के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया
अनुच्छेद-10: पार्टी विलय, विभाजन और विघटन (अंत) प्रक्रिया
अनुच्छेद-11: जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 29A (5) के तहत अनिवार्य प्रावधान
अनुच्छेद-12: इस संविधान का अर्थ निकालना
अनुच्छेद-13: योगदान पॉइंट (अंक)
अनुच्छेद-14: राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव और बदलना
अनुच्छेद-15: आम चुनाव में लोकसभा के टिकटों का आवंटन
अनुच्छेद-16: राष्ट्रीय स्तर के नीचे इकाइयों की सदस्यता
अनुच्छेद-17: आम चुनाव में विधानसभा टिकट का आवंटन
अनुच्छेद-18: स्थानीय निकाय चुनावों में टिकटों का आवंटन
अनुच्छेद-19: पार्टी के अंदर मतदान
अनुच्छेद-20: राष्ट्रीय समिति के सदस्यों का चुनाव और उन्हें बदलने की प्रक्रिया

अनुच्छेद-21: विभन्न

1.         अनुच्छेद-01: पार्टी का नाम

(1.1)     पार्टी का नाम विकल्प पार्टी होगा

(1.2)     यदि चुनाव आयोग अर्थात भारतीय चुनाव आयोग, उस नाम को स्वीकार नहीं करता है, तो प्रस्तावित नाम क्रम में होंगे (a) भारतीय विकल्प पार्टी (b) राष्ट्रीय विकल्प पार्टी (c) राजनीतिक विकल्प पार्टी

(d) भारतीय राष्ट्रवादी विकल्प पार्टी

(1.3)     यदि सभी 5 नामों को चुनाव आयोग द्वारा खारिज कर दिया जाता हैं, तो राष्ट्रीय अध्यक्ष नए नाम के बारे में निर्णय करेंगे.

(1.4)     संपूर्ण दस्तावेज में "पार्टी" शब्द का अर्थ है "विकल्प पार्टी" या कोई भी अन्य नाम जिसे चुनाव आयोग स्वीकार करता है.

2.         अनुच्छेद-02 : पार्टी का उद्देश्य

(2.1)     विकल्प पार्टी स्थापित कानून के अनुसार भारत के संविधान के प्रति सच्चा विश्वास व्यक्त करती है, और समाजवाद, धर्म-निरपेक्षतावाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों के साथ और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए निष्ठांपूर्वक प्रतिबद्ध है.

(2.2)     पार्टी और उसके पदाधिकारी किसी भी रूप में हिंसा को बढ़ावा नहीं देंगे या किसी से भी किसी प्रकार का नफरत नहीं करेंगे.

(2.3)     हिंसा या नफरत को बढ़ावा देने वाले सदस्य को निष्कासित कर दिया जाएगा.

(2.4)     पार्टी के प्रस्ताव जैसे पब्लिक के पैसों के खर्चे का डिटेल के लिए नागरिक-प्रमाणिक, पारदर्शिता सरकारी वेबसाइट और अन्य नागरिक-प्रमाणिक प्रणालियों जैसे जन प्रतिनिधि को बदलने के अधिकार के कानून, जूरी सिस्टम से संबंधित कानून, जनमत संग्रह कानून और अन्य प्रस्तावित कानूनों और सिस्टम, जिसे नागरिक भागीदारी और कार्यों, दोनों सार्वजनिक और निजी प्रणाली द्वारा सुधारा जा सकता है, उन के बारे में भारत के सभी मतदाताओं को सूचित करने के लिए काम करेगी. और उनकी तुलना दूसरे देशों में लागू कानून और सिस्टम से भी करेगी. इसके साथ ही पार्टी संपत्ति-कर के गुणों और जीएसटी, एक्साइज (आबकारी) आदि जैसे अप्रत्यक्ष करों के अवगुणों के बारे में भारत के सभी मतदाताओं को सूचित करेगी. कुल मिलकर, पार्टी संपूर्ण मतदाताओं को भारत के सभी देशों के उपयोगी कानूनों 2000 ईसा पूर्व से आज तक, और उनके गुणों और दोषों के बारे में सूचित करेगी.

(2.5)     पार्टी प्रस्तावित कानून-के ड्राफ्ट और सिस्टम के बारे में भारत के मतदाताओं को सूचित करने के लिए काम करेगी, जो कि भारत को दुनिया के अन्य देशों जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे सभी मामलों - रक्षा, विनिर्माण, चिकित्सा, गणित विज्ञान कौशल आदि में मजबूत बना सकते हैं.

(2.6)     पार्टी के सदस्य उन मतदाताओं की संख्या की गणना और उनके मतदाता संख्या का विवरण प्रदर्शित करने के लिए कार्य करेंगे जिन्होंने एस.एम.एस, ट्विटर आदि के माध्यम से पार्टी के प्रस्तावित कानूनों का समर्थन किया है. प्रस्तावित बदलने के अधिकार और अन्य प्रस्तावित कानून के लागू होने तक, पार्टी अपनी वेबसाइट आदि के माध्यम से नागरिक-प्रमाणिक, लोक जनमत संग्रह प्रणाली को बढ़ावा देगी. और जब प्रस्तावित कानून-के ड्राफ्ट के लिए पर्याप्त मतदाता संख्या प्राप्त होती हैं, तो पार्टी मामले को उच्च स्तर पर ले कर जाएगी.

(2.7)     केवल वे व्यक्ति ही पार्टी द्वारा समर्थित उम्मीदवार बन सकते हैं, जिन्होंने चुनाव से पहले पार्टी के एस.एम.एस / ट्वीट गिनती की वेबसाइट पर संभावित नामांकन उम्मीदवारों के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया हैं और उस क्षेत्र के चुनाव उम्मीदवारों के रूप में खुद को उस क्षेत्र के कुल मतदाताओं की कम से कम 0.4% मतदाता संख्या को एकत्र और प्रदर्शित किया है और उस क्षेत्र के कुल मतदाताओं की कम से कम 0.4% मतदाता संख्या द्वारा पार्टी द्वारा समर्थित एक या अधिक कानून के ड्राफ्ट का समर्थन इकठ्ठा करके प्रदर्शित किया है.

(2.8)     पार्टी और उसके संस्थापक निम्नलिखित के लिए कोई वादा नहीं करेंगे

(2.8.1)          भारत में मौजूदा कानून केवल एक राजनीतिक दल को दल-बदल विरोधी कानून के माध्यम से (a) अपनी पार्टी से सांसद / विधायक को निष्कासित करने और (b) संसद / विधानसभा में सांसद / विधायक के वोट को नियंत्रित करने में सक्षम बनाता है.

(2.8.2)           लेकिन दल-बदल विरोधी कानून बहुसंख्या वाले सांसदों / विधायकों को बहुमत से पार्टी की विप (आज्ञा) को बदलने के लिए सक्षम बनाता है. इसलिए यदि बहुसंख्यक सांसद / विधायक पार्टी की आज्ञा को बदलते हैं, तो पार्टी अध्यक्ष या पार्टी के सदस्यों के पास संसद / विधानसभा में सांसदों / विधायकों के वोटों को नियंत्रित करने का कोई रास्ता नहीं है.

(2.8.3)           तो पार्टी और इसके संस्थापक, अभी मतदाताओं से कोई वादा नहीं करती हैं कि पार्टी निम्नलिखित कार्यों में सफल होगी (a) बहुसंख्यक सांसदों / विधायकों को इस संविधान या घोषणापत्र में दिए गए वादों को पूरा करने के लिए मजबूर करना या (b) यह सुनिश्चित करना कि सांसद ठीक तरह से व्यवहार करेंगे और दोषों, भ्रष्टाचार और अन्य अनुचित कार्यों में शामिल नहीं होंगे.

(2.8.4)           पब्लिक के पैसों के खर्चे का डिटेल देने के लिए नागरिक-प्रामाणिक, पारदर्शिता सरकारी वेबसाईट, जन प्रतिनिधि को बदलने का अधिकार, जिससे मतदाता सांसदों / विधायकों को निष्कासित करने में सक्षम होंगे, जो अपने चुनाव वादों को पूरा करने से इंकार कर देते हैं, इन सब पर पार्टी काम करेगी. लेकिन वर्तमान में इस तरह का कोई कानून मौजूद नहीं है. यदि बहुमत से सांसद / पार्टी के विधायकों ने इन कानूनों को पारित करने से इंकार कर दिया, तो मतदाताओं को उन अहिंसक, कानूनी, नैतिक तरीकों का इस्तेमाल करना होगा, जिसके माध्यम से वे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि पार्टी के बहुसंख्यक सांसद अपने चुनावी वादे को पूरा करें या तुरंत इस्तीफा दें. पार्टी अहिंसा, मौजूदा कानूनों और नैतिकता के ढांचे के भीतर इस कार्य में मतदाताओं की सहायता करेगी.

(2.9)     अंतर-पार्टी लोकतंत्र का सिद्धांत

(2.9.1) सांसद आदि लोक प्रतिनिधि और राजनीतिक दल मतदाताओं को गिन सकते हैं - लेकिन वे मतदाताओं की बातों को सुन नहीं सकते हैं. हमें समझाने दीजिए. मान लीजिए कि प्रत्येक मतदाता इच्छा व्यक्त करता हैं कि सांसद उसकी बातें 5 मिनट के लिए सुने. अब एक सांसद के औसतन 17 लाख मतदाता होते हैं और यदि 25% मतदाता में से प्रत्येक 5 मिनट के लिए बोलता हैं, तो यह 17 लाख * 25/100 * 5 मिनट = लगभग 21 लाख मिनट हो जाता है. और यदि सांसद दिन में 10 घंटे भी सभी की बात सुनता है, तो भी उसे इतने लोगों की बात सुनने में 8 साल से 9 साल का समय लगेगा!!! दूसरे शब्दों में, किसी सांसद के लिए आपके बात “सुनने” या आपके पत्र को पढ़ना या आपका एस.एम.एस पढ़ना असंभव है. और प्रधान मंत्री के लिए भी यह असंभव है. यहाँ तक कि 50,000 से 1 लाख मतदाताओं वाले पार्षद भी अपने नीचे के मतदाताओं को सुनने में सक्षम नहीं हैं. पार्टी और सार्वजनिक प्रतिनिधियों के लिए एकमात्र समाधान, उनके क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा एस.एम.एस, ट्वीट आदि के द्वारा भेजे गए उनके मतदाता संख्या के साथ समूहिक मत की गणना करना और उसके अनुसार कार्य करना ही एकमात्र व्यवहारिक उपाय है.

(2.9.2) लोकतंत्र का सार यह है कि सभी नागरिकों को स्वतंत्र रूप से और सभी सार्वजनिक सूचनाओं को स्वतंत्र रूप से देखने की क्षमता होनी चाहिये और इसके आधार पर कि उन्हें किसी भी दिन यह तय करने में सक्षम होना चाहिए कि किसी सत्ता-धारक को निष्कासित / बदला जाए या नहीं. इसलिए पार्टी के सदस्यों के पास पार्टी के सर्वोच्च नेताओं की बदलने / हटाने की प्रक्रिया की जानकारी होनी चाहिए.

(2.10)  निष्कासन पर पॉइंट के लिए मुआवजे की नैतिकता (पार्टी के शीर्ष पदों पर अप्रत्याशित और अवांछित परिवर्तन)

(2.10.1)        एक राष्ट्र या सरकार का निर्माण सभी नागरिकों द्वारा मिलकर किया जाता है, यह कुछ व्यक्तियों की जागीर नहीं हैं. लेकिन एक निजी कंपनी या एक राजनीतिक पार्टी की स्थापना सभी नागरिकों द्वारा नहीं की जाती है. एक राजनीतिक दल एक संस्थापक के श्रम, उम्मीदवार या घोषणा पत्र के लिए मतदान करने वाले मतदाताओं और फिर उस पार्टी में शामिल होने वाले नए उम्मीदवारों से निर्मित होती है.

(2.10.2)        इसलिए, एक राष्ट्र के अंदर, नागरिकों को कोई भी मुआवजे दिए बिना नेताओं को त्यागने / बदलने का अधिकार है. और किसी कंपनी या पार्टी के अंदर, सदस्यों / शेयरधारकों को अधिकारियों या शीर्ष नेताओं को निष्कासित करने / बदलने का अधिकार है, लेकिन उनके कार्य के लिए पूर्व-निर्धारित मुआवजा दिए बिना उन्हें निष्कासित करना अनैतिक होगा. क्षतिपूर्ति इसलिए भी जरूरी है ताकि निष्कासित अधिकारी अपनी पार्टी शुरू कर सकें.

(2.10.3)        पार्टी के संविधान में सभी स्तरों पर सर्वोच्च अधिकारियों को बदलने के लिए और उनके योगदान के लिए मुआवजे, वोट शेयर प्राप्त करने के लिए, बदलने के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश होना चाहिए. मुआवजे का भुगतान केवल उन्हीं लोगों द्वारा किया जाना चाहिए जो बदलाव चाहते हैं.

(2.11) विकल्पों का निर्माण, केवल विरोध नहीं

(2.11.1)        पार्टी का मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांत है - किसी को व्यवहारिक बेहतर विकल्प का निर्माण करना चाहिए, और उसके बाद ही मौजूदा व्यक्ति / प्रणाली का विरोध करना चाहिए. वैकल्पिक की अनुपस्थिति में, विरोध करना केवल खालीपन (निर्वात) बनाने का एक प्रयास है जो पार्टी या राष्ट्र को केवल कमजोर बनाता है.

(2.11.2)        जो लोग वैकल्पिक व्यवस्था का निर्माण करने के लिए काम नहीं करते हैं, लेकिन विरोध करते हैं, ऐसे लोग केवल सोच को गंदा करते हैं, और पार्टी सभी मतदाताओं से ऐसे लोगों को अनदेखा करने और बहिष्कार करने का अनुरोध करती है, लेकिन उनके खिलाफ हिंसा या अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करने का भी अनुरोध भी करती है.

3.         अनुच्छेद-03: पार्टी की सदस्यता और पार्टी के खिलाफ अभियान चलाने के लिए सदस्यों को स्वतंत्रता

(3.1)     साधारण सदस्य - भारत का कोई भी नागरिक जो 18 वर्ष से अधिक है, पंजीकृत मतदाता हैं और किसी दूसरी पार्टी के सदस्य नहीं हैं, पार्टी का साधारण सदस्य यह घोषणा करते हुए बन सकता हैं कि वह पार्टी का सदस्य है. एक साधारण सदस्य को कोई मताधिकार नहीं होगा. यदि वह जानता है कि फेसबुक / ट्विटर इत्यादि का उपयोग कैसे करना है, तो उसे फेसबुक या ट्विटर पर उल्लेख करना चाहिए और फेसबुक / ट्विटर पर अपने मतदाता संख्या का उल्लेख करना चाहिए. यदि उनके पास एक मोबाइल फोन है, तो उन्हें पार्टी के एस.एम.एस सर्वर पर भी एस.एम.एस भेजना होगा, कि वह सदस्य बन गया हैं और उसे अपने मतदाता संख्या का उल्लेख करना चाहिए. यदि सदस्य चाहता है, तो सदस्य को पार्टी के एस.एम.एस सर्वर पर पंजीकरण कराने के लिए अनुरोध भेज सकता है और पार्टी द्वारा प्रचारित कानूनों को समर्थन देने के लिए अपनी मतदाता संख्या का उल्लेख कर सकता हैं. राष्ट्रीय समिति बाद में सदस्यता पत्र जारी कर सकती है जिसे सदस्य को समय-समय पर निर्धारित तरीके से भरना और हस्ताक्षर करना तथा सदस्यता शुल्क के साथ जमा करना पड़ता है. सामान्य सदस्य बनने के लिए कोई स्क्रीनिंग प्रक्रिया आयोजित नहीं की जाएगी.

(3.2)     सक्रिय सदस्य

(3.2.1)          निम्नलिखित वर्गों के 'सदस्य' का मतलब `सक्रिय सदस्य` है, जब तक कि निर्दिष्ट न हो.

(3.2.2)          केवल एक सक्रिय सदस्य को वोट देने का अधिकार होगा.

(3.2.3)          साधारण सदस्य अपनी मतदाता संख्या के साथ पार्टी की वेबसाइट पर पंजीकरण करने के बाद और अपनी सदस्यता फॉर्म के अनुमोदन के बाद सक्रिय सदस्य बनने के पात्र होंगे और यदि उनके पास कम से कम 100 योगदान पॉइंट (अंक) होंगे. योगदान पॉइंट का वर्णन बाद के अनुच्छेद में किया है.

(3.2.4)          सक्रिय सदस्यों की सूची को किसी भी पार्टी चुनाव के लिए उम्मीदवारों के आवेदन करने से एक महीने पहले फ्रीज कर दिया जाएगा (फिक्स कर दिया जायेगा).

(3.2.5)          एक सक्रिय सदस्य सदस्यता शुल्क का भुगतान करेगा और सक्रिय सदस्यता को बनाए रखने के लिए समय-समय पर निर्धारित न्यूनतम वार्षिक योगदान पॉइंट प्राप्त करेगा.

(3.2.6)          यदि किसी सक्रिय सदस्य का निवास स्थान या वोटर नंबर या मतदाता संख्या बदलता है, तो उसे संबंधित इकाइयों को लिखित रूप में सूचना देकर अपना पता बदलवा लेना चाहिए.

(3.2.7)          `सदस्य का निर्वाचन क्षेत्र` वो क्षेत्र होगा जहाँ से सदस्य मतदाता सूची में अंतिम पंजीकृत
हुआ था और अभी भी उसका नाम मतदाता सूची में उस निर्वाचन क्षेत्र में है.

(3.3)     सदस्य स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र होंगे और अन्य उम्मीदवारों के लिए अभियान करने और पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ अभियान के लिए स्वतंत्र होंगे. इसके लिए सदस्य को निष्कासित या निलंबित नहीं किया जाएगा और न ही उसके खिलाफ कोई और कार्यवाई होगी.

(3.4)    सदस्यता की समाप्ति: पार्टी किसी भी सदस्य को अनुच्छेद-06 या मृत्यु के कारणों के कारण या राष्ट्रिय समिति को त्याग पत्र दिए जाने के कारण या दूसरी राजनैतिक पार्टी का सदस्य बनने के कारण निष्काषित कर सकती है.

4.         अनुच्छेद-04 : पार्टी के विभिन्न अंग - प्रत्येक की शक्तियां और कार्य

(4.1)     पार्टी में निम्नलिखित नोडल (प्रधान) अधिकारी होंगे

(4.1.1) एक राष्ट्रीय अध्यक्ष
(4.1.2) प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक लोकसभा अध्यक्ष
(4.1.3) प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्य अध्यक्ष
(4.1.4) प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक विधानसभा अध्यक्ष
(4.1.5) प्रत्येक नगर निगम या नगर पालिका के लिए एक शहर अध्यक्ष
(4.1.6) प्रत्येक वार्ड के लिए एक सिटी वार्ड अध्यक्ष
(4.
1.7) प्रत्येक जिले के एक जिला अध्यक्ष
(4.
1.8) जिला पंचायत में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक जिला वार्ड अध्यक्ष
(4.
1.9) भारत में प्रत्येक तहसील के लिए एक तहसील अध्यक्ष
(4.
1.10) तहसील पंचायत में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक तहसील वार्ड अध्यक्ष
(4.
1.11) भारत में प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए एक ग्राम अध्यक्ष

(4.2)     राष्ट्रीय स्तर के निकाय

(4.2.1)          राष्ट्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय अध्यक्ष, एक राष्ट्रीय कैबिनेट और एक राष्ट्रीय समिति होगी

(4.2.2)          राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 4 सालों का होगा या जब तक सदस्य उन्हें बदलते नहीं है, जो भी पहले हो. राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रक्रिया को वापस बुलाने के अधिकार का उपयोग करके सदस्य किसी भी समय राष्ट्रीय अध्यक्ष को बदल सकते हैं, जिसका वर्णन बाद के खंड में किया गया हैं. प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष को कम से कम एक वर्ष के लिए नहीं वापस नहीं बुलाया जाएगा या जब तक वह स्वयं इस्तीफा नहीं दे देता है, जो भी पहले हो.

(4.2.3)          राष्ट्रीय समिति में 50 सदस्य होंगे. सदस्यों की नियुक्ति अध्यक्ष द्वारा की जाएगी या उनका चयन सदस्यों द्वारा किया जाएगा. पार्टी द्वारा पंजीकरण संख्या प्राप्त करने के छह महीने के भीतर, राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनिश्चित करेंगे कि समिति के कम से कम 2/3 सदस्य संपूर्ण भारत में पार्टी के सदस्यों द्वारा चुने जाएंगे और उन्हें नियुक्त नहीं किया जाएगा.

(4.2.4)          पार्टी सदस्यों द्वारा निर्वाचित समिति के सदस्यों को केवल पार्टी के सदस्यों द्वारा ही वापस बुलाया जा सकता है. अध्यक्ष द्वारा नियुक्त समिति के सदस्यों को अध्यक्ष या राष्ट्रीय कैबिनेट के दो तिहाई बहुमत द्वारा ही वापस बुलाया जा सकता है.

(4.2.5)          राष्ट्रीय समिति के सदस्यों के लिए पूरी (सटीक) चुनाव प्रक्रिया और वापस बुलाने की प्रक्रियाओं का वर्णन बाद के खंड में किया गया है. चुनाव और वापस बुलाने के लिए खुले मतदान का आयोजन किया जाएगा, अर्थात प्रत्येक सदस्य हर सदस्य का वोट देख पाएगा.

(4.2.6)          राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय समिति के 4 से 10 सदस्यों के राष्ट्रीय कैबिनेट का निर्माण करेंगे.

(4.2.7)          केंद्र सरकार में, प्रधान मंत्री किसी भी दिन दूसरे मंत्रियों या मंत्रिमंडल की अनुमति के बिना किसी भी कैबिनेट मंत्री को हटा सकते हैं. विस्तार से, हमारी प्रसिद्ध रचना भारतीय संविधान के अनुच्छेद -75 (1) का कहना है कि "प्रधान मंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी और अन्य मंत्रियों को राष्ट्रपति द्वारा प्रधान मंत्री की सलाह पर नियुक्त किया जाएगा". इसलिए, उसी तरह, राष्ट्रीय अध्यक्ष को किसी अन्य कैबिनेट सदस्य को शामिल करने या हटाने का अधिकार होगा और इसके लिए उसे किसी भी कैबिनेट सदस्य की अनुमति या कैबिनेट या समिति से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.

(4.2.8)          यदि पार्टी के सदस्य एक कैबिनेट या समिति के सदस्य को हटाने के राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले से असहमत हैं, तो पार्टी के सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष को वापस बुलाने के अधिकार का उपयोग करके राष्ट्रीय अध्यक्ष को वापस बुला सकते हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष को वापस बुलाने की प्रक्रिया का उल्लेख बाद के खंड में किया गया है. या, पार्टी के सदस्य एक नया राजनीतिक दल शुरू कर सकते हैं. उनके पॉइंट कम नहीं होंगे.

(4.2.9)          राष्ट्रीय अध्यक्ष आवश्यकतानुसार कुछ राष्ट्रीय कैबिनेट सदस्यों को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय खजांची आदि के रूप में नियुक्त करेंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष उनकी शक्तियों और कर्तव्यों को परिभाषित करेंगे.


(4.3)    राष्ट्रीय स्तर से नीचे के निकाय

(4.3.1)          अनुच्छेद (4.1.2) से (4.1.11) में उल्लिखित राष्ट्रीय स्तर के नीचे के निकायों में 50 सदस्य, अध्यक्ष और समिति होंगी, लेकिन वहाँ कोई भी कैबिनेट नहीं होगा. कैबिनेट केवल राष्ट्रीय स्तर पर होगा.

(4.3.2)           राष्ट्रीय कैबिनेट या नियुक्त प्राधिकारी निचले स्तर इकाई के लिए प्रथम अध्यक्ष को नियुक्त करेंगे. उस इकाई में, नियुक्त अध्यक्ष समिति के सदस्यों की नियुक्ति करके समिति का निर्माण करेंगे. 6 महीने के भीतर, राष्ट्रीय समिति यह सुनिश्चित करेगी कि अध्यक्ष और कम से कम 2 / 3 समिति के सदस्यों का चयन उस स्तर के सदस्यों द्वारा किया जाता है और नियुक्त सदस्यों की संख्या 1/3 से अधिक नहीं होगी.

(4.3.3)          अध्यक्ष और प्रत्येक निर्वाचित समिति के सदस्य का कार्यकाल 4 सालों का होगा. इसके बाद, वे उस इकाई के सदस्यों द्वारा फिर से निर्वाचित होंगे.

(4.3.4)           यदि किसी पद को भरने के लिए सदस्य उपलब्ध नहीं हैं, उस स्थिति में वे पद तब तक खाली रहेंगे जब तक कि सदस्य उपलब्ध नहीं हो जाते हैं.

(4.4)     नोडल अधिकारी और निकायों की शक्तियाँ और कार्य - प्रत्येक नोडल अधिकारी कानून-के ड्राफ्ट का प्रचार करने की गतिविधियों की योजना बनाएंगे, जिसे पार्टी लाना चाहती है. राष्ट्रीय स्तर पर, कैबिनेट की स्वीकृति के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष गतिविधियों को कार्यान्वित करेंगे. और राष्ट्रीय स्तर के नीचे के स्तर पर, अध्यक्ष समिति की स्वीकृति के बाद गतिविधियों को पूरा करेंगे.

5.         अनुच्छेद-05 : पार्टी के पदाधिकारी - उनकी शक्तियां और उनके कार्य

(5.1)     राष्ट्रीय स्तर पर

(5.1.1)          राष्ट्रीय स्तर पर, पार्टी के अध्यक्ष, कैबिनेट सदस्य और समिति के सदस्य होंगे. इसके अलावा, पार्टी के पास कोई अन्य पदाधिकारी नहीं होगा. सभी कार्य अध्यक्ष और कैबिनेट (मंत्रिमंडल) / समिति के सदस्यों द्वारा किया जाएगा.

(5.1.2)          अध्यक्ष कुछ कैबिनेट सदस्यों को उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष आदि के रूप में नियुक्त कर सकते हैं और आवश्यकता के अनुसार उनके कर्तव्यों का निर्णय कर सकते हैं.

(5.1.3)      राष्ट्रीय स्तर पर सभी महत्वपूर्ण निर्णय कैबिनेट द्वारा बहुमत से लिया जाएगा. कैबत उन निकायों के निर्णय भी कर सकती है जब कोई निकाय अभी बना नहीं है. किसी के पास कोई वीटो पॉवर नहीं होगा.

(5.1.4)      अध्यक्ष के किसी भी फैसले को कैबिनेट द्वारा बहुमत वोटों से रद्द किया जा सकता है. और कैबिनेट (मंत्रिमंडल) के निर्णय को समिति के सदस्य बहुमत के वोट से रद्द कर सकते हैं. और समिति के फैसले को पार्टी के सदस्य बहुमत के वोट से रद्द कर सकते है.

(5.1.5)   यदि समिति द्वारा एक बार रद्द होने के बाद कैबिनेट (मंत्रिमंडल) बहुमत से वही निर्णय लेती है, तो कैबिनेट का यह निर्णय मान्य होगा. लेकिन ऐसे मामले में, सदस्य अध्यक्ष को वापस बुलाने के अधिकार का उपयोग करके अध्यक्ष को वापस बुला सकते हैं; अध्यक्ष को वापस बुलाने की प्रक्रिया का उल्लेख बाद के अनुच्छेद में किया गया है.

(5.2)     राष्ट्रीय स्तर से नीचे के स्तरों के लिए

(5.2.1)           निचले स्तर पर, अध्यक्ष और समिति के सदस्यों के अलावा, पार्टी के पास कोई अन्य पदाधिकारी नहीं होगा. सभी कार्य अध्यक्ष और समिति के सदस्यों द्वारा किया जाएगा

(5.2.2)          अध्यक्ष कुछ समिति के सदस्यों को उप-सभापति, महासचिव, कोषाध्यक्ष आदि के रूप में नामित कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार उनके कार्यों के बारे में फैसला कर सकते हैं.

(5.2.3)          निचले स्तर पर सभी महत्वपूर्ण निर्णय समिति द्वारा बहुमत से लिया जाएगा. किसी के पास कोई वीटो पॉवर नहीं होगा.

(5.2.4)           अध्यक्ष के किसी भी निर्णय को समिति द्वारा बहुमत से रद्द किया जा सकता है. और समिति का निर्णय उस इकाई के पार्टी के सदस्यों द्वारा बहुमत के वोटों से रद्द किया जा सकता है.

6.         अनुच्छेद-06 : विवाद समाधान और अनुशासन के नियम

(6.1)     कोई भी सदस्य किसी भी सदस्य, किसी भी अध्यक्ष, किसी भी परिषद के सदस्य, किसी भी समिति के सदस्य, आदि के खिलाफ पुलिस या न्यायालय की शिकायत दर्ज करने के लिए स्वतंत्र होगा.

(6.2)     पार्टी किसी भी सदस्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी और कभी भी किसी भी सदस्य को अपने वचन (भाषण) या किसी व्यक्ति या किसी भी मुद्दे के विरुद्ध विचारों के लिए निष्कासित नहीं करेगी, केवल पार्टी के मुख्य एजेंडे या पार्टी संविधान का सार्वजनिक रूप से विरोध करने के अलावा.

(6.3)      पार्टी से किसी भी सदस्य, जिसमें संस्थापक सदस्य भी शामिल है, को केवल तभी निष्काषित / निलंबित किया जाएगा, जब कोई सदस्य पार्टी के मुख्य एजेंडे या पार्टी संविधान का सार्वजनिक रूप से विरोध करता है या कोई अपराध करता है और कोर्ट उसको सज़ा सुनाती है या उसे चार्ज-शीट करती है. चार्ज-शीट होने पर उसे   स्थायी रूप से निलंभित किया जायेगा और उसकी सदस्यता को पूरी तरह से बहाल किया जा सकता यदि कोर्ट उसे निर्दोष घोषित करती है. ऐसे मामले में, कैबिनेट उस सदस्य को सभी बैठकों में भाग लेने के लिए अस्थायी रूप से रोक सकती है और आंतरिक पार्टी के मामलों, जैसे अधिकारी / पार्टी अधिकारियों का चुनाव / वापस बुलाना (रिकॉल) या संवैधानिक संशोधनों या उप-नियम बनाने में उसके मतों की गिनती को रोक सकता है. लेकिन सांसद / विधायक उम्मीदवारों का निर्णय लेने में उसके मत को हमेशा गिना जाएगा, जब तक कि उन्होंने शारीरिक हिंसा का इस्तेमाल न किया हो. लेकिन यदि उस सदस्य को सज़ा होती है, तो उसकी सदस्यता रद्द होगी.

(6.4)     ऐसे मामलों में जिसका उल्लेख अनुच्छेद 6.3 किया गया है, केवल राष्ट्रीय समिति बहुमत से सदस्य को निष्कासित कर सकती है और सदस्य बहुमत से वोटों का उपयोग करते हुए राष्ट्रीय समिति के निर्णय को रद्द कर सकते हैं.

7.         अनुच्छेद-07 : पार्टी के संचालन के नियमों की मूल बातें

(7.1)     राष्ट्रीय स्तर पर, अध्यक्ष फैसले लेंगे और कैबिनेट द्वारा बहुमत के वोटों से मंजूरी देने के बाद उन्हें पूरा (कार्यान्वित) करेंगे. किसी भी सदस्य के पास कोई वीटो पॉवर नहीं होगा. यदि अध्यक्ष स्वीकृत करते है और कैबिनेट उसे अस्वीकार कर देती है, तो अध्यक्ष समिति के सदस्यों से अनुमोदन की मांग कर सकते हैं. और यदि समिति के सदस्यों ने भी अस्वीकार कर दिया, तो अध्यक्ष आंतरिक जनमत संग्रह का उपयोग करके पार्टी के सभी सदस्यों से अनुमोदन प्राप्त कर सकते हैं. और यदि सदस्यों की स्वीकृति प्राप्त होती है, तो अध्यक्ष कैबिनेट सदस्यों और समिति के सदस्यों की इच्छा के खिलाफ निर्णय को लागू कर सकते हैं.

(7.2)     निचले स्तर पर, अध्यक्ष निर्णय लेंगे और बहुमत के साथ समिति द्वारा मंजूरी मिलने के बाद उन्हें कार्यान्वित करेंगे. यदि अध्यक्ष स्वीकृत करते हैं और समिति उसे अस्वीकार कर देती है, तो अध्यक्ष आंतरिक स्तर पर आंतरिक जनमत संग्रह का उपयोग करते हुए उस स्तर के सभी सदस्यों से अनुमोदन प्राप्त कर सकते हैं. और यदि सदस्यों को स्वीकृति मिलती है, तो अध्यक्ष समिति के सदस्यों की इच्छा के खिलाफ निर्णय को लागू कर सकते हैं.

(7.3)     निचले स्तर पर समिति के एक निर्णय को उच्च स्तर पर समिति द्वारा रद्द किया जा सकता है. लेकिन यदि निचले स्तर पर सदस्यों के जनमत संग्रह द्वारा निर्णय को अनुमोदित किया जाता है, तो उच्च स्तर पर केवल एक जनमत संग्रह द्वारा ही इसे रद्द किया जा सकता है.

(7.4)     मीटिंग - पूर्ण अधिवेशन (प्लेनरी सेशन) के लिए सभी सदस्यों को उचित माध्यमों द्वारा एक महीने का पूर्व नोटिस देना आवश्यक है. स्थानीय / राज्य समीति की मीटिंग करने के लिए सदस्यों को उचित माध्यमों द्वारा दस दिन का नोटिस देना आवश्यक है.

(7.5)    कोरम (आवश्यक सदस्य संख्या उपस्थिति) सभी मीटिंग के लिए कम से कम आवश्यक सदस्य संख्या उस निकाय की संख्या का एक तिहाई होना आवश्यक है. यदि उस समय इतनी संख्या में सदस्य नहीं हैं, तो उस मीटिंग को स्थगित किया जायेगा और 7 दिनों बाद, उसी समय और स्थान पर एक नयी मीटिंग बुलाई जायेगी सिवाय कि सदस्यों को मीटिंग के लिए कोई और स्थान और समय की सूचना दी जाती है. स्थगित मीटिंग के लिए कोई भी कोरुम की आवश्यकता नहीं होगी.

8.         अनुच्छेद-08 : पार्टी फंड (निधि) और खाता

(8.1)     पार्टी केवल व्यक्तियों से पैसे लेगी, और ट्रस्ट, कंपनियां, एसोसिएशन आदि जैसी गैर-व्यक्ति संस्थाओं से कोई पैसे नहीं लेगी, केवल उन संस्थाओं को को छोड़कर जिनकी स्थापना संसद या विधानसभा द्वारा पारित कानूनों द्वारा की गई हैं.

(8.2)     विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक या विदेश में रह रहे भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) को छोड़कर पार्टी किसी भी विदेशी स्रोत से पैसा नहीं लेगी.

(8.3)     पार्टी दाताओं को टैक्स (कर) छूट प्रमाणपत्र और लाभ नहीं देगी, जब तक कि दान देने वाली संस्था की स्थापना विधानसभा / संसद द्वारा पारित किए गए कानून द्वारा नहीं की गई थी. दाताओं से पहले टैक्स का भुगतान करने और फिर पार्टी में योगदान करने के लिए अनुरोध किया जाएगा.

(8.4)     सभी योगदानों को सार्वजनिक किया जाएगा. और सभी खर्चों और साथ ही खर्चे की स्वीकृति देने वाले व्यक्ति के नाम के साथ को सार्वजनिक किया जाएगा.

(8.5)     पार्टी सभी तरह की राजनीतिक कार्यों जैसे अख़बारों में विज्ञापन देने, पम्फ्लेट्स की प्रिटिंग, पम्फ्लेट्स वितरित करने, चुनाव लड़ने, एस.एम.एस आदि के माध्यम से वोट करने के लिए आवश्यक वेबसाइटों और एप्प तैयार करने, प्रचारकों के लिए दौरे, कार्यालय के किरायें और अन्य सभी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धन का उपयोग करेगी. ऑफलाइन कार्यों के लिए कोई भी खर्चा करने से पहले, एक से अधिक कोटेशन ऑनलाइन दिखाए जायेंगे सिवाय कि कोई एमरजेंसी जरुरत हो. इस विषय पर, राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा.

(8.6)     सभी खर्चों को कम से कम कैबिनेट के 1 सदस्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए. केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष ही सभी खर्चों के लिए एकमात्र उत्तरदायी होंगे.

(8.7)     धन का इस्तेमाल किसी भी निजी कार्यों के लिए नहीं किया जाएगा.

(8.8)     धन का उपयोग किसी भी भूमि या भवनों को खरीदने के लिए नहीं किया जाएगा. सबसे लंबा किराये का अनुबंध 3 वर्षों के लिए होगा.

(8.9)     खातों का प्रबंधन उपार्जन के आधार पर किया जाएगा. पार्टी चुनाव आयोग मानकों के अनुसार और सी.ए.जी के पैनल में शामिल लेखा परीक्षक द्वारा खातों का लेखा-परीक्षण करवाएगी. और वित्तीय वर्ष के अंत के 6 महीनों के भीतर खातों को चुनाव आयोग को सौंप दिया जाएगा.

(8.10)  सभी नकद दान को उस धन के रूप में माना जाएगा, जिस पर देय आयकर (इनकम टैक्स) का भुगतान दाता द्वारा नहीं किया गया है. इसलिए पार्टी प्रधानमंत्री रिलीफ फंड या आयकर विभाग में सभी नकदी अंशदानों का 30% जमा करायगी. जहाँ तक ​​संभव हो, पार्टी दान करने या नकदी दान करने को हतोत्साहित करने के लिए नियम बनायेगी.

9.         अनुच्छेद-09 : पार्टी संविधान में संशोधन की प्रक्रिया

(9.1)    कोई भी सदस्य राष्ट्रीय कैबिनेट द्वारा निर्धारित फोर्मैट अनुसार संशोधन का प्रस्ताव ला सकता है.

(9.2)     सदस्य एस.एम.एस या इंटरनेट या राष्ट्रीय कैबिनेट द्वारा निर्धारित साधनों के माध्यम से खुले वोट डालेंगे. और यदि किसी सदस्य ने `हाँ` वोट नहीं डाला है, तो उसका वोट `नहीं` के रूप में लिया जाएगा. यदि प्रस्ताव को 2/3 वोट प्राप्त होता, तो प्रस्तावित संशोधन को पारित माना जाएगा अन्यथा विफल (फेल) माना जायेगा.

(9.3)     संशोधन संविधान की मूल संरचना में कोई परिवर्तन नहीं कर सकता है - अर्थात प्रस्तावित कानून-के ड्राफ्ट के लिए मतदाता संख्या के साथ विचार एकत्र / प्रदर्शित करना. हालाँकि, पार्टी स्वीकार करती है कि लोकसभा या राज्यसभा मूलभूत संरचना में संशोधन कर सकती हैं या तो किसी भी सदन में सामान्य बहुमत का उपयोग कर सकती हैं.

(9.4)     मतदान खुले में, पार्टी या फेसबुक की वेबसाइट जैसे कुछ खुले मंच पर आयोजित किया जाएगा.

(9.5)     जब तक वेबसाइट आदि तैयार नहीं हो जाता है, और इंटरनेट आधारित मतदान के तंत्र तैयार नहीं हो जाता हैं, मतदान में पार्टी मुख्यालय में शारीरिक रूप से उपस्थित होना शामिल हो सकता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इंटरनेट / एस.एम.एस आधारित खुली तंत्र पार्टी को पंजीकरण संख्या प्राप्त होने के 6 महीने के भीतर उपलब्ध कराया जाएं.

(9.6)     भारत की लोकसभा या भारत की राज्यसभा पार्टी के संविधान में साधारण बहुमत का उपयोग कर संशोधन कर सकती हैं. पार्टी न्यायालयों में लोकसभा या राज्यसभा के फैसले को चुनौती नहीं देने का वादा करती है. इसलिए यदि कुछ पार्टी सदस्य अपनी इच्छानुसार संशोधन कराने में विफल रहते हैं, तो वे सांसदों से संपर्क कर सकते हैं.

10.      अनुच्छेद-10 : पार्टी विलय, विभाजन और विघटन (अंत) प्रक्रिया

(10.1)  कोई भी सदस्य पार्टी के किसी भी दूसरे पार्टी के साथ विलय का प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकता हैं.

(10.2)  सर्वसम्मत वोट के साथ राष्ट्रीय समिति को विलय के लिए मंजूरी देनी चाहिए, और फिर सदस्यों के 2/3 से अधिक वोटों के साथ विलय को स्वीकार करना चाहिए. और यदि किसी सदस्य ने `हाँ` वोट नहीं किया है, तो उसका वोट `नहीं` के रूप में लिया जाएगा. यदि प्रस्ताव को 2/3 वोट प्राप्त होता है, तो विलय प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा या पारित किया जाएगा अन्यथा उसे विफल माना जाएगा.

(10.3)  कोई सदस्य विभाजन का प्रस्ताव पेश कर सकता है.

(10.4)  सदस्यों के 33% से अधिक वोटों से विभाजन को मंजूर किया जाना चाहिए. और यदि किसी सदस्य ने `हाँ` वोट नहीं दिया है, तो उसका वोट `नहीं` के रूप में माना जाएगा. यदि प्रस्ताव को 33% मत प्राप्त होता है, तो विभाजन के प्रस्ताव को पारित माना जाएगा अन्यथा विफल माना जाएगा. यदि विभाजन का प्रस्ताव पारित हो जाता हैं, तो विभाजित पक्षों को अगले 1 साल तक अख़बारों के विज्ञापनों पर खर्च होने वाली राशि को घटाकर पार्टी की संपत्तियों का % प्रदान किया जाएगा, जो पार्टी को छोड़ते हुए सदस्यों के योगदान पॉइंट के बराबर होगा. जिन सदस्यों ने `हाँ` में वोट दिया है, उनके योगदान का पॉइंट शून्य हो जाएगा.

(10.5)  कोई भी सदस्य पार्टी के विघटन का प्रस्ताव पेश सकता है.

(10.6)  राष्ट्रीय कैबिनेट को सर्वसम्मति से वोट के साथ विघटन को स्वीकार करना चाहिए, और फिर विघटन के प्रस्ताव को सदस्यों के 2/3 से अधिक वोटों से स्वीकार किया जाना चाहिए. और यदि कोई सदस्य `हाँ` वोट नहीं देता है, तो उसके वोट को `नहीं` के रूप में माना जाएगा. यदि प्रस्ताव को 2/3 वोट मिलता है, तो विघटन प्रस्ताव को पारित किया जाएगा अन्यथा विघटन का प्रस्ताव विफल माना जाएगा. सभी संपत्तियां सरकार को सौंप दी जाएंगी और सभी योगदान पॉइंट को रद्द समझा जाएगा.

(10.7)  मतदान खुले में आयोजित किया जाएगा और पार्टी की वेबसाइट जैसे कुछ खुले मंचों पर आयोजित किया जाएगा.

(10.8)  जब तक वेबसाइट आदि तैयार नहीं होता है, और इंटरनेट आधारित मतदान के तंत्र तैयार नहीं किया जाता हैं, मतदान के लिए पार्टी मुख्यालय में शारीरिक रूप से उपस्थित होना पड़ सकता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इंटरनेट / एस.एम.एस आधारित खुला तंत्र पार्टी को पंजीकरण संख्या प्राप्त होने के 6 महीने के भीतर उपलब्ध कराया जाएं.

11.     अनुच्छेद-11 : जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 29A (5) के तहत अनिवार्य प्रावधान

(11.1)  पार्टी स्थापित कानून के अनुसार भारत के संविधान के प्रति सच्चे विश्वास और निष्ठा, और समाजवाद, धर्मनिरपेक्षतावाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों के अनुसार कार्य करेगी और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखेगी.

(11.2)  पार्टी और उसके पदाधिकारी किसी भी रूप में हिंसा को बढ़ावा नहीं देंगे या नफरत नहीं फैलाएंगे.

(11.3)  कोई भी सदस्य जो हिंसा को बढ़ावा देता है या किसी भी शारीरिक या मौखिक या किसी भी रूप में नफरत को फैलता है, उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा और पार्टी उसके खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराएगी.

(11.4)  खातों का प्रबंधन उपार्जन के आधार पर किया जाएगा. पार्टी को चुनाव आयोग मानकों के अनुसार और सीएजी के पैनल में शामिल लेखा परीक्षक द्वारा खातों का लेखा-परीक्षण करवाना होगा और वित्तीय वर्ष के अंत के 6 महीनों के भीतर खातों को चुनाव आयोग को सौंप दिया जाएगा.

(11.5)  आमदनी और खर्चे के 90 दिनों के भीतर, आमदनी और खर्ची की जानकारी वेब पर खतों पर दिखाई जायेगी.

(11.6) पार्टी जन प्रतिनिधि, 1951 की धारा 29 (5) के तहत सभी अनिवार्य प्रावधानों का पालन करेगी.

12.     अनुच्छेद-12 : इस संविधान की व्याख्या (अर्थ निकालना) और जटिल विवाद पर कार्रवाई

   केवल राष्ट्रीय कैबिनेट के पास ही इस संविधान और इसके अधीन बनाए गए नियमों के व्याख्या करने की शक्ति और अधिकार होगा. ऊपर के संबंध में राष्ट्रीय कैबिनेट का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा. यदि सदस्य कैबिनेट के व्याख्या से असहमत होते हैं, तो वे बाद में खंड में दी गई राष्ट्रीय अध्यक्ष को वापस बुलाने की प्रक्रिया का उपयोग करते हुए अध्यक्ष और कैबिनेट सदस्यों बदल सकते हैं.

   और राष्ट्रीय कैबिनेट इस संविधान की व्याख्या और क्रियान्वित करने के लिए समय-समय पर विस्तृत नियम बनायेगी. और राष्ट्रीय कैबिनेट गतिविधियों को पूरा करने के लिए विस्तृत रूप-रेखा भी तैयार करेगी.

  सदस्यों को राष्ट्रीय कैबिनेट के निर्णय पर वोट देने का अधिकार दिया जाएगा और उनके वोट को प्रदर्शित किया जाएगा. और यदि सदस्यों का वोट राष्ट्रीय कैबिनेट के वोट से अलग होता है, तो सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष को वापस बुलाने की प्रक्रिया का उपयोग करने तक आगे की कार्यवाही को स्थगित कर दिया जाएगा. और उस समय के दौरान, राष्ट्रीय कैबिनेट सभी निर्णय लेगी.

13.   अनुच्छेद-13 : निर्वाचन योगदान पॉइंट और गैर-निर्वाचन योगदान पॉइंट

(13.1)        इस अनुच्छेद में वर्णित आइटम के आधार पर प्रत्येक सदस्य को योगदान पॉइंट प्राप्त होगा.

(13.2)        योगदान पॉइंट दो प्रकार का होगा -

(13.2.1)      निर्वाचन योगदान पॉइंट -- लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों से लड़ने से प्राप्त पॉइंट

(13.2.2)      गैर-निर्वाचन योगदान पॉइंट-- अन्य योगदानों जैसे समाचार-पत्र में विज्ञापन देने, कानून का ड्राफ्ट तैयार करने और प्रचार करने, वेबसाइट बनाने और वेबसाइटों के प्रचार और पार्टी के लिए एप्प बनाने, बैठकों का आयोजन, सम्मेलन प्रेस आदि के लिए.

(13.3)          पॉइंट की गणना 01-जनवरी 2016 से शुरू होगी अर्थात 01-जनवरी 2016 के बाद सभी पिछले योगदान पॉइंट का निर्माण करेंगे.

(13.4)          संस्थापक सदस्य को 1000 पॉइंट एक बार मिलेगा जब तक कि वे संस्थापक और पार्टी के सदस्य बने रहते हैं.

(13.5)    किसी पूर्ण अधिवेशन (प्लेनरी सेशन) या एकटिविस्म मीटिंग में स्वयं उपस्थित रहने पर और उसका वीडियो प्रमाण इन्टरनेट पर डालने पर सदस्य को 100 पॉइंट मिलेंगे.

(13.6)          यदि कोई सदस्य सांसद / विधायक का चुनाव लड़ता है अर्थात उसका चुनाव फॉर्म पास हो जाता है और वह अपना फॉर्म वापस नहीं लेता है, और सदस्य पार्टी वेबसाइट पर उस क्षेत्र के मतदाताओं की कुल संख्या के कम से कम 0.4% मतदाता द्वारा अपने लिए वोटर नंबर द्वारा समर्थन प्राप्त करता है और दिखाता है और उस क्षेत्र के मतदाताओं की कुल संख्या के कम से कम 0.4% मतदाता संख्या द्वारा पार्टी द्वारा समर्थित कानून के ड्राफ्ट के लिए समर्थन प्राप्त करता है और इन्टरनेट पर एक्सेल शीट पर दिखाता है, तब वह जमा राशि के आधार पर कुछ पॉइंट प्राप्त करेगा चाहे वह कितना ही वोट क्यों न प्राप्त करता हो या उसे शून्य वोट ही क्यों न मिले. पॉइंट जमा राशि का आधा या जमा राशि के बराबर या दोगुना, जमा राशि के तीन गुना प्राप्त होंगे, जो इस पर निर्भर करता है कि क्या उसे वोट किए गए मतों का 0.4% से अधिक, 0.6% से अधिक, 0.8% से अधिक या मतदाताओं के 1% से अधिक वोट प्राप्त हुआ. यदि अन्य सदस्यों ने दान किया है, तो दाताओं के मध्य पॉइंट दान किए जाने वाले अनुपात में विभाजित किया जाएगा.

(13.7)          उदाहरण के लिए: XYZ ने वापस बुलाने के अधिकार (राईट टू रिकॉल) को प्रचारित करने के लिए आज तक 4 सांसद / विधायक चुनावों का चुनाव लड़ा है. मान लीजिए कि कुल जमा राशि 55000 रुपए थी. और प्रत्येक चुनाव में, मतदाताओं के 0.8% से अधिक वोट उसे मिला, जो 1% वोटों से थोड़ा कम था. इसलिए 2 के गुणक प्रत्येक मामले में लागू होंगा. इसलिए, पॉइंट 55000 * 2 = 110,000 होंगे.

(13.8)          स्थानीय निकाय चुनावों से प्राप्त पॉइंट केवल स्थानीय स्तर के उम्मीदवारों के निर्णय लेने के लिए ही उपयोगी होंगे, न कि राष्ट्रीय स्तर पर.

(13.9)          यदि सदस्य एक साथ दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ता है, तो उन्हें दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव योगदान पॉइंट प्राप्त होगा.

(13.10)       प्रत्येक समाचार-पत्र के विज्ञापन योगदान के लिए, सदस्य को उस समाचार-पत्र के पृष्ठ और उस आकार के अनुसार, उस समाचार-पत्र के अधिकृत अधिकतम कार्ड रेट के बराबर गैर-चुनाव योगदान पॉइंट प्राप्त होगा. यदि अन्य सदस्यों ने दान किया है, तो दाताओं के साथ पॉइंट दान किए जाने वालों के अनुपात में विभाजित किये जाएंगे.

(13.11)       विज्ञापन लोकसभा चुनाव में पहले 3 सबसे बड़े स्थानीय भाषा के समाचार पत्रों में से एक या उस जिले में पहले 2 सबसे अधिक बिकने वाले अंग्रेजी अखबारों में या एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय / राज्य समाचार-पत्र में से दिया जाना चाहिए. अन्य अख़बारों में विज्ञापन नहीं दिया जाएगा. अख़बारों की सूची जिसके विज्ञापनों को मान्यता दी जाएगी, उसे राष्ट्रीय समिति द्वारा जारी किया जाएगा.

(13.12)        पार्टी द्वारा समर्थित प्रस्तावित कानून-ड्राफ्ट को यदि कोई सदस्य सोशियल मीडिया पर विज्ञापन द्वारा बढ़ावा करता है और उस विज्ञपन के लिए किये गए खर्चे का इन्वोइस (बिल) सार्वजानिक शेयर करता है, तो उस सदस्य को उस विज्ञापन पर खर्च किये गए राशि जितने पॉइंट मिलेंगे.

(13.13)       विज्ञापनदाता को विज्ञापन के विषय और रूप-रेखा (लेआउट), समाचार-पत्र का नाम, संस्करण, पेज नंबर के बारे में राष्ट्रीय कैबिनेट की पूर्व अनुमोदन प्राप्त करनी चाहिए और इससे प्राप्त होने वाले पॉइंट की संख्या पर अनुमोदन प्राप्त की जानी चाहिए. पूर्व अनुमोदनों नहीं प्राप्त करने पर, विज्ञापन पर कोई पॉइंट देय नहीं होगा.

(13.14)          प्रस्तावित कानून के ड्राफ्ट और कानून-ड्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए जरूरी मतदाता संख्या का समर्थन प्राप्त करने और प्रदर्शित करने के लिए पार्टी के लिए बनाई गई एप्लिकेशन और वेबसाइटों के लिए, पार्टी के राष्ट्रीय कैबिनेट की स्वीकृति के बाद एक बार में 5000 पॉइंट दिया जाएगा. यदि कई व्यक्ति वेबसाइट / एप्प बनाने में शामिल हैं, तो उस काम में उसकी सहमत हिस्से के अनुसार पॉइंट विभाजित किया जाएगा. पॉइंट को विभाजित करने के संबंध में राष्ट्रीय कैबिनेट का फैसला अंतिम होगा

(13.15)       पार्टी द्वारा समर्थित प्रस्तावित कानून-ड्राफ्ट के लिए, यदि सदस्य उसे पर्चों के वितरण, समाचार पत्र, फेसबुक लाइव वीडियो, यूट्यूब वीडियो आदि गतिविधि के माध्यम से बढ़ावा देता है और यदि ड्राफ्ट के लिए निर्दिष्ट एक्सल शीट में कम से कम 25 मतदाता संख्या इकट्ठा करता और प्रदर्शित करता है तो पार्टी के राष्ट्रीय कैबिनेट के अनुमोदन के बाद, प्रत्येक फेसबुक टाइमलाइन या किसी वेबसाइट पर, प्रत्येक विभिन्न गतिविधियों के लिए 500 पॉइंट एक बार में दिया जाएगा. सामान्य तौर पर, पॉइंट केवल प्रमाणिक कार्यों के लिए दिया जाएगा.

(13.16)         प्रत्येक सदस्य जो फेसबुक कवर के तस्वीर को नेशनल कैबिनेट द्वारा उल्लिखित तरीके से सेट करता है, उसे 500 पॉइंट प्राप्त होगा, एक बार (प्रति सप्ताह नहीं). ऐसे मामले में, पार्टी द्वारा दिए गए मतदाता आई.डी या सदस्य-आई.डी को अपने फेसबुक प्रोफ़ाइल के "बारे में" -> "विवरण" में लिखा जाना चाहिए, और अन्य विवरण भी निर्दिष्ट किया जाना चाहिए. उल्लेख किए जाने वाले विवरणों की सूची राष्ट्रीय समिति द्वारा समय-समय पर उपलब्ध कराई जाएगी. सदस्य आई.डी प्राप्त करने के लिए सदस्य को शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है, यदि वह अपने मतदाता आई.डी का उपयोग नहीं करना चाहता है. अंकों को हटा दिया जाएगा जब वह कवर पिक्चर को निकाल देता या उसका वोटर आई.डी / सदस्य आई.डी नकली पाया जाता है.

(13.17)         प्रत्येक सदस्य जो ट्विटर को कवर पिक्चर को राष्ट्रीय समिति द्वारा उल्लिखित तरीके से सेट करता है, उसे एक बार (प्रति सप्ताह नहीं) में 250 पॉइंट प्राप्त होगा. ऐसे मामले में, पार्टी द्वारा दिए गए मतदाता आई.डी या सदस्य आई.डी का उल्लेख अपने ट्विटर प्रोफ़ाइल पर जाना चाहिए और अन्य विवरण भी निर्दिष्ट किए जाने चाहिए. उल्लेख किए जाने वाले विवरणों की सूची राष्ट्रीय समिति द्वारा समय-समय पर दी जाएगी. अंकों को हटा दिया जाएगा जब वह कवर पिक्चर को निकाल देता या उसका वोटर आई.डी / सदस्य आई.डी नकली पाया जाता है.

(13.18)         यदि कोई सदस्य निश्चित किये फोर्मेट में फेसबुक / ट्विटर पर उन कानून-ड्राफ्ट का समर्थन करता है, जिसे पार्टी लागू करवाना चाहती है, तो उसे प्रत्येक कानून-ड्राफ्ट के लिए, एक बार (प्रति सप्ताह नहीं) में 20 पॉइंट मिलेंगे. जब वह फेसबुक / ट्विटर पर उस कानून का समर्थन रोक देता है तो पॉइंट समाप्त हो जाएगा.

(13.19)         प्रत्येक कानून-के ड्राफ्ट के लिए जिसे पार्टी चाहती है, यदि कोई सदस्य इसे अपनी स्थानीय भाषा में अनुवाद करता है, और ड्राफ्ट का सारांश भी देता है और पार्टी को प्रस्तुत करता है और उसे पर्चों वितरण के माध्यम से बढ़ावा देता है, इंटरनेट पर, - अपने फेसबुक / ट्विटर टाइमलाइन पर एक निश्चित किये गए फोर्मेट में डालता है, तो उसे 500 पॉइंट , एक बार (प्रति सप्ताह नहीं) में मिलेंगे, बशर्ते ऐसा अनुवाद पहले नहीं किया गया है और पार्टी के राष्ट्रीय कैबिनेट में पहले से जमा नहीं किया गया है.

(13.20)         उस मामले में, जब उपरोक्त धाराओं में प्रदर्शित 25% से अधिक मतदाता संख्या का समर्थन नकली साबित होता हैं, तो कोई पॉइंट नहीं जोड़ा जाएगा और उतने पॉइंट जितना दंड दिया जाएगा.

(13.21)         राष्ट्रीय कैबिनेट फेसबुक / ट्विटर पर आधारित अभियान रोक सकता है और कुछ अन्य सॉफ्टवेयर और भौतिक साधनों का इस्तेमाल करना शुरू कर सकता है. ऐसे मामलों में, प्राप्त अंकों को हटाया नहीं जाएगा, लेकिन फेसबुक / ट्विटर के लिए उपरोक्त अनुच्छेदों में कोई नया पॉइंट नहीं प्रदान किया जाएगा.

(13.22)         समय-समय पर, राष्ट्रीय कैबिनेट नए नियम प्रकाशित करेगी जो यह निर्णय लेंगी कि सदस्यों को उनके कार्यों के लिए कितने पॉइंट मिलने चाहिए, जो कार्य उन कानून-ड्राफ्ट का बढ़ावा करते है जिसे पार्टी लाना चाहती है.

(13.23)         अंकों का स्थानांतरण - कोई भी सदस्य भारत के किसी भी अन्य मतदाता को किसी भी संख्या में पॉइंट स्थानांतरित कर सकता है. राष्ट्रीय समिति द्वारा अनुमोदित फॉर्म या पद्धति का उपयोग करके अंकों का स्थानांतरण किया जाना चाहिए. एक बार स्थानांतरित योगदान के पॉइंट को दाता द्वारा रद्द नहीं किया जा सकता है, जब तक कि धोखाधड़ी साबित नहीं हो. लेकिन दोनों की सहमति के साथ, इसे उल्टा जा सकता है.

(13.24)         नामांकित व्यक्ति - एक सदस्य एक या एक से अधिक नामांकितों को नियुक्त कर सकता है. उस स्थिति में जब सदस्य की मृत्यु हो जाती है, उनके वोट नामित व्यक्तियों को दिए गए अनुपात में या समान रूप से स्थानांतरित कर दिए जाएंगे. और यदि नामांकित व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया गया तो पॉइंट उसके वारिस को स्थानांतरित कर दिए जाएंगे. अंकों के विवादों के मामले में, राष्ट्रीय समिति का निर्णय पार्टी के भीतर अंतिम होगा, और इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है.

(13.25)         अंकों के स्थानांतरण के लिए पूर्व प्रतिबद्धता: एक सदस्य योगदान अंकों के लिए स्थानांतरण  प्रतिबद्धता का निर्माण कर सकता है. वचनबद्धता से संबंधित पूरे विषय-वस्तु को एक नियत तारीख को सार्वजनिक किया जाएगा. यदि सदस्य ने कई प्रतिबद्धताओं की है, तो जो प्रतिबद्धता पहले की थी, उसे पहले क्रियान्वित किया जाएगा. सदस्य द्वारा किए गए एक प्रतिबद्धता को उस सदस्य द्वारा रद्द नहीं किया जा सकता है जिसने इसे बनाया है. यदि प्रतिबद्धता निष्पादित करना असंभव है तो कैबिनेट प्रतिबद्धता को निरर्थक और शून्य घोषित कर सकती है.

(13.26)         चुनाव योगदान पॉइंट (अंकों) के लिए अपरिवर्तनीय प्रॉक्सी की नियुक्ति : एक सदस्य कुछ निश्चित वर्षों के लिए या अनिश्चित अवधि के लिए किसी प्रॉक्सी को अपने योगदान योगदान पॉइंट (अंकों) में से कुछ पॉइंट या संपूर्ण पॉइंट दे सकता है. यदि इस तरह की घोषणा सदस्य द्वारा की जाती है, और विधिवत सत्यापित की जाती है तो कैबिनेट द्वारा प्रॉक्सी की नियुक्ति का सम्मान किया जाएगा. ऐसे मामले में, प्रॉक्सी के बिना सहमति के अंकों को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है. चुनाव परिणामों के कारण आने वाले पॉइंट पर, चुनाव से पहले प्रॉक्सी को नियुक्त किया जा सकता है.

(13.27)          उदाहरण के लिए : मान लीजिए कि एक सदस्य A चुनाव लड़ रहा है और सदस्य B इस बात से सहमत है कि चुनाव के बाद A को 100,000 चुनाव योगदान पॉइंट हस्तांतरित किए जाएंगे. मान लीजिए कि A सहमति व्यक्त करता और निर्णाय लेता है कि चुनाव के नतीजे आने के बाद, वह 100,000 चुनाव योगदान पॉइंट B को स्थानांतरित करेगा. चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कैबिनेट प्रतिबद्धता को निष्पादित करेगी.

(13.28)          सभी लेनदेन के लिए, जैसे, अंकों का स्थानान्तरण, नामांकित की नियुक्त, नामांकित को बदलना, प्रॉक्सी नियुक्त करना, अपरिवर्तनीय प्रॉक्सी आदि की नियुक्ति, के लिए प्रशासन शुल्क देय होगा. शुल्क के बारे में कैबिनेट फैसला करेगी.

(13.29)         राष्ट्रीय कैबिनेट एक बार दिए गए किसी भी पॉइंट को रद्द नहीं कर सकती हैं, जब तक गतिविधि नकली साबित नहीं होती है या जब तक पार्टी में एक विभाजन नहीं होता है और सदस्य विभाजन के माध्यम से अलग हो जाते है.

14.      अनुच्छेद-14 : राष्ट्रीय अध्यक्ष को वापस बुलाने का अधिकार, और राष्ट्रीय अध्यक्ष का पुन: चुनाव

(14.1)  पहले अध्यक्ष को एक वर्ष के लिए वापस बुलाने से छूट दी जाएगी या जब तक वह इस्तीफा नहीं देता है, जो भी पहले हो. कोई भी सदस्य अपने नाम को राष्ट्रीय अध्यक्ष के उम्मीदवार के रूप में पेश कर सकता है. उम्मीदवार को भारत का मतदाता होना चाहिए, और उसने ऑन-लाइन वीडियो, पोस्ट, लेख द्वारा कानून-ड्राफ्ट, जो राजपत्र में छपवाने के लिए प्रस्तावित हैं, उनके बारे में बताया होना चाहिए और उन प्रस्तावित ड्राफ्ट के लिए नाम, वोटर नंबर और एड्रेस के साथ समर्थन भी माँगा होना चाहिए. प्राथमिकता उनको दी जायेगी जिन्होंने पार्टी द्वारा समर्थित कानून-ड्राफ्ट के लिए कम से कम 1000 मतदाताओं के वोटर नंबर द्वारा समर्थन उस क्षेत्र से प्राप्त किया हो जहाँ से वह मतदाता है, उस समर्थन को एक्सेल शीट पर इंटरनेट पर इकट्ठा और प्रदर्शित किया हो और उसने अतीत में कम से कम एक सांसद या एक विधायक का चुनाव लड़ा हो. कोई प्रस्तावक और समर्थक की ज़रूरत नहीं है.

(14.2)  उम्मीदवार को लिखित रूप में कारण देना होगा कि क्यों वह एक नई पार्टी बनाने के बजाय मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष को क्यों बदलना चाहता है. लेखन किसी भी समीक्षा के अधीन नहीं होगा और वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा. वह कारणों के रूप में एक खाली पत्र प्रदान कर सकता हैं.

(14.3)  सदस्य फेसबुक या ट्विटर या एस.एम.एस या किसी भी सॉफ्टवेयर या भौतिक तरीकों के माध्यम से खुले तौर पर मतदान करेंगे, जैसा राष्ट्रीय कैबिनेट द्वारा निश्चित किया गया हो. प्रत्येक सदस्य उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए 0 से 100 का स्कोर देगा. यदि किसी सदस्य द्वारा किसी उम्मीदवार को कोई पॉइंट नहीं दिया जाता है, तो उसे 0 पॉइंट माना जाएगा. और यदि 100 से अधिक पॉइंट दिए जाते हैं, तो उसे 100 पॉइंट माना जाएगा. प्रत्येक उम्मीदवार का कुल स्कोर वही होगा जिसे वह सभी सदस्यों से प्राप्त करता है.

(14.4)  यदि किसी उम्मीदवार द्वारा प्राप्त कुल स्कोर मौजूदा अध्यक्ष के पॉइंट से 10% अधिक है, तो केवल दो उम्मीदवारों - मौजूदा अध्यक्ष और उपरोक्त वर्णित प्रथम दौर के विजेता के बीच ओपन वोटिंग होगा. एक सदस्य मतदान से अनुपस्थित रह सकता है या वोट दे सकता है. जो उम्मीदवार चुनौती दे रहा है, उसे पार्टी के सदस्यों द्वारा दिए गए कुल स्कोर का कम से कम 55% नया अध्यक्ष बनने के लिए प्राप्त करना चाहिए.

(14.5)  पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्व में अप्रत्याशित और अवांछित परिवर्तन के खिलाफ पॉइंट के लिए मुआवजा, यानी उन लोगों के लिए मुआवजा जिन्हें नए विजेता उम्मीदवारों में कोई विश्वास नहीं है: यदि मौजूदा सदस्य मौजूदा का कहना है कि वह पार्टी से बाहर निकलने की इच्छा रखता हैं, या उसके सभी पॉइंट का मुआवजा मिलना चाहिए, तो वह इस चुनाव के पहले दौर के परिणाम के 10 दिनों के भीतर ऐसा घोषित कर सकता है. ऐसे मामले में, उम्मीदवार को 2 रुपये के साथ-साथ 1 रुपये के उपहार-कर अर्थात 3 रुपये, प्रति योगदान पॉइंट की दर से सदस्य को भुगतान करना होगा. भुगतान करने पर, योगदान पॉइंट विजेता उम्मीदवारों को स्थानांतरित कर दिया जाएगा. और यदि जीतने वाला उम्मीदवार 90 दिनों के भीतर भुगतान करने से इनकार करता है, तो फिर से वापस बुलाने वाले चुनाव के परिणाम को रद्द कर दिया जाएगा और राष्ट्रीय अध्यक्ष में कोई बदलाव नहीं होगा.

(14.6)  यदि अध्यक्ष को 90 दिनों के भीतर नहीं बदला जाता हैं और एक सदस्य किसी उम्मीदवार को योगदान वाला पॉइंट दे चुका होता है और पॉइंट के लिए भुगतान प्राप्त कर चुका होता है, तो सदस्य अपने योगदान पॉइंट वापस पाने के लिए 3 रूपये रिवर्स भुगतान करेगा, अर्थात यदि सदस्य पैसे चुकाने की तैयारी करता है , तो उम्मीदवार को धन स्वीकार करना होगा और योगदान पॉइंट को वापस देना होगा. इसके अलावा, यदि सदस्य ने पहले ही विजेता उम्मीदवार से प्राप्त की गई राशि पर आय-कर अधिनियम के अनुसार उपहार-कर का भुगतान किया है, तो सदस्य को भुगतान किए गये टैक्स को छोड़ कर राशि का केवल वापस भुगतान करना होगा.

(14.7)  यदि कोई सदस्य मौजूदा अध्यक्ष समेत, योगदान पॉइंट के लिए कोई भुगतान नहीं चाहता है और पॉइंट को रखना चाहता है तो पॉइंट के लिए कोई भी धन हस्तांतरण की आवश्यकता नहीं होगी. और पॉइंट के लिए कोई धन हस्तांतरण नहीं होगा यदि पुराने अध्यक्ष स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हों या उनका निधन हो गया हो.

(14.8) धन उस व्यक्ति के बचत खाते से आना चाहिए जो नए अध्यक्ष बनना चाहता है, और कोई अन्य स्रोत नहीं. इसके अलावा, खाता सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक में होना चाहिए.

(14.9) जिनके पास योगदान पॉइंट हैं और वे राष्ट्रिय अध्यक्ष के बदलाव होने पर पार्टी छोड़ना हहते हैं, वे इस चुनाव के पहले दौर के विजेता को अपने बैंक में मुआवजे जितनी राशि डालने के लिए कह सकता है. ऐसे मामलों में, इस चुनाव का दूसरा दौर तभी शुरू होगा जब इस चुनाव के पहले दौर के विजेता ने अपने खाते में राशि जमा की है.

(14.10)          राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हर 4 सालों में होगा और सटीक नियमों के अनुसार होगा. अर्थात चुनाव में, मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुना जाना समझा जाएगा जब तक कि वापस बुलाने की प्रक्रिया का इस्तेमाल कर कोई उन्हें वापस नहीं बुलाता है. यह आवश्यक है ताकि सदस्यों जो कोई बदलाव नहीं चाहते हैं, उन्हें परेशान नहीं किया जाए.

(14.11)  स्पष्टीकरण : पॉइंट के लिए मुआवजा का भुगतान करना आवश्यक है क्योंकि नए अध्यक्ष में कुछ सदस्यों का विश्वास नहीं हो सकता है. वे पार्टी में शामिल हुए और पॉइंट प्राप्त करने के लिए काम किया, क्योंकि उन्हें मौजूदा अध्यक्ष में विश्वास था. इसलिए यदि अध्यक्ष को मौजूदा अध्यक्ष की इच्छा के खिलाफ बदला जा रहा हैं, तो वे मुआवजे मांगने के हकदार हैं. और जो लोग अपनी स्थिति बदलना चाहते हैं, उन्हें नैतिक रूप से मुआवजे का भुगतान करना पड़ता है. इसके अलावा, नए सदस्यों ने पार्टी में शामिल होने से पहले संविधान में मुआवजा योजना पढ़ी थी, यदि मुआवजा योजना उनके लिए अनुचित थी, तो उनके पास पार्टी में शामिल नहीं होने का विकल्प था और इसके बजाय वे एक प्रतिस्पर्धी पार्टी शुरू कर सकते थे. इसके अलावा, यदि कुछ सदस्यों का मानना ​​है कि मुआवजा योजना अनुचित है या अनैतिक है, तो वे लोकसभा या राज्यसभा से मांग सकते हैं कि वे सदन में से किसी में साधारण बहुमत का उपयोग कर इस योजना को रद्द करें.

15.   अनुच्छेद-15 : आम चुनाव में लोकसभा टिकट का आवंटन

(15.1) पी.एल.एस.सी का निर्णय करना अर्थात लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए स्थायी लोकसभा उम्मीदवार का चयन

(15.1.1)          यदि एक सक्रिय सदस्य को (a) पार्टी वेबसाइट पर लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं की संख्या के कम से कम 0.4% मतदाता अपने वोटर नंबर द्वारा उस क्षेत्र के चुनाव उम्मीदवार के रूप में समर्थन करते हैं, तथा (b) वो सदस्य पार्टी द्वारा समर्थित कानूनी ड्राफ्ट के लिए उस क्षेत्र के मतदाताओं की कुल संख्या के कम से कम 0.4% मतदाताओं का वोटर नंबर द्वारा समर्थन एक्सील शीट फॉर्मेट में फेसबुक या वेबसाइट पर इकट्ठा और प्रदर्शित करता है, और (c) उसके पास कम से कम 10 लाख योगदान पॉइंट होता हैं और (d) वह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए स्थायी लोकसभा उम्मीदवार के रूप में नियुक्त करने के लिए आवेदन करता है, और (e) उस निर्वाचन क्षेत्र में कोई स्थायी लोकसभा उम्मीदवार मौजूद नहीं होता है, तो राष्ट्रीय कैबिनेट उस निर्वाचन क्षेत्र के लिए उसे `स्थायी लोकसभा उम्मीदवार` के रूप में नियुक्त कर भी सकती है और नहीं भी कर सकती है. इस बारे में राष्ट्रीय कैबिनेट का निर्णय अंतिम होगा. 

(15.1.2)          सामान्य तौर पर, सदस्य को पॉइंट प्राप्त करने से पहले `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` बनना चाहिए और उसे पहले ही राष्ट्रीय कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त करनी चाहिए और यदि वह किसी निश्चित समय में 15.1.1 में बताये शर्तों को पूरा करता है, तो राष्ट्रीय कैबिनेट उस सदस्य को `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` के रूप में नियुक्त करेगी. लोकसभा क्षेत्र के अन्य मतदाता, पार्टी कैबिनेट द्वारा निश्चित किये गए एस.एम.एस, ट्वीट या पद्धति के माध्यम से अपने मतदाता संख्या का समर्थन प्रदर्शित कर सकते हैं.

(15.1.3)          किसी भी समय, यदि 15.1.1 में उल्लिखित किसी भी शर्त का पालन नहीं किया जाता है या इस सदस्य की तुलना में किसी अन्य उम्मीदवार को 10% अधिक समर्थन प्राप्त होता है, तो राष्ट्रीय कैबिनेट सदस्य को उस क्षेत्र के लिए स्थायी लोकसभा उम्मीदवार के रूप में बदल सकती है.

(15.1.4)          और अब उसके 10 लाख पॉइंट अब फ्रोजन पॉइंट्स हो जाएंगे अर्थात उम्मीदवार के चयन के लिए व्यर्थ होगा. और ये फ्रोजन पॉइंट गैर हस्तांतरणीय होंगे, सिवाय (a) मौत पर नामांकित व्यक्ति को हस्तांतरित किया गया (b) या नए अध्यक्ष को स्थानांतरित किया जा सकता है जब अध्यक्ष बदला गया है.

(15.1.5)          यदि कोई व्यक्ति `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` बनना चाहता है और उसके पास 10 लाख से कम पॉइंट है, तो अन्य समर्थक सदस्य उस के लिए `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` बनाने के लिए अपने कुछ या सभी पॉइंट आवंटित करने की पेशकश कर सकता हैं. पॉइंट को ट्रान्सफर करने की आवश्यता नहीं है. ये पॉइंट फ्रीज रहेंगे जब तक वह 10 लाख पॉइंट प्राप्त नहीं करता है. जैसे-जैसे `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` अधिक से अधिक पॉइंट प्राप्त करता है, योगदानकर्ताओं के अपने पॉइंट अनफ्रीज हो जायेंगे और `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` के पॉइंट फ्रीज हो जाएंगे. लेकिन यह परिवर्तन कम से कम एक चुनाव के बाद और पॉइंट (अंकों) के योगदानकर्ताओं की अनुमति लेकर किया जाएगा.

(15.1.6)          ऊपर की धारा समझाने के लिए उदाहरण : मान लीजिए कि `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` बनने के लिए 10 लाख पॉइंट की जरूरत है. मान लीजिए कि एक व्यक्ति X अपने 6 लाख पॉइंट और उस निर्वाचन क्षेत्र का एक अन्य सदस्य Y के 4 लाख पॉइंट का उपयोग करके `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` बन गया. मान लीजिए उसके बाद, उम्मीदवार X को 3 लाख से ज्यादा पॉइंट प्राप्त होता है. तो फिर Y की अनुमति से, X अपने 3 लाख पॉइंट को फ्रीज करवा सकता है, और Y के 3 लाख पॉइंट को अनफ्रीज करवा सकता हैं. लेकिन यह बदलाव कम से कम एक चुनाव के बाद ही होगा. इसके साथ ही यदि Y नहीं चाहता है कि उसके पॉइंट को अनफ्रीज किया जाए तो `X` `Y` के पॉइंट को अनफ्रीज नहीं करवा सकता.

(15.1.7)        10 लाख पॉइंट की सीमा में समय-समय पर वृद्धि हो सकती है, सटीक मान की घोषणा राष्ट्रीय कैबिनेट द्वारा की जाएगी. लेकिन जब एक बार सदस्य को `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` के रूप में घोषित कर दिया जाता है, तब पॉइंट में वृद्धि करने से उनकी स्थिति प्रभावित नहीं होगी.

(15.1.8)        एक व्यक्ति अधिकतम 2 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` बन सकता है. उन्हें दूसरे निर्वाचन क्षेत्र के लिए 25% अधिक पॉइंट की जरूरत होगी.

(15.1.9)        जब वह लोकसभा चुनाव में कुल पंजीकृत (कुल पंजीकृत, ना कि जितने वोट पड़े हैं) वोटों का 5% हिस्सा प्राप्त करता है, तो ये पॉइंट अनफ्रीज हो जाएंगे.

(15.1.10)      राष्ट्रीय कैबिनेट (मंत्रिमंडल) समय-समय पर 5% की सीमा में बदलाव कर सकती है. नई सीमा उन लोगों के लिए लागू होगी जो वृद्धि की घोषणा के बाद `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` बनते हैं और उन पर लागू नहीं होंगे जो पहले से ही एक `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` बने हुए है.

(15.1.11)      राष्ट्रीय कैबिनेट एक सदस्य को उस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` 2, `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` 3 इत्यादि के लिए दूसरे या तीसरे सदस्य आदि के रूप में नियुक्त कर सकती है. दूसरा उम्मीदवार लोकसभा उम्मीदवार केवल तभी बनेगा जब वह पहले उमीदवार से नामांकन नहीं किया है या उसके फॉर्म रद्द हो गया है या उसे वापस लिया गया हो. `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार 2`, `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार 3` आदि के लिए पॉइंट की आवश्यता कम होगी इनकी प्रक्रिया बाद में निर्धारित की जाएगी, लेकिन पॉइंट की आवंटन इसी प्रकार की जेयेगी.

(15.1.12)       10 लाख पॉइंट की सीमा को आरबीआई द्वारा घोषित किए गए M3 (एम3) में बढ़ाएं गए प्रतिशत के अनुसार प्रत्येक माह में समान प्रतिशत के अनुसार बढ़ाया जा सकता है. और यह अन्य कारकों के आधार पर बढ़ाया जा सकता है जैसे सभी सदस्यों के कुल योगदान पॉइंट. राष्ट्रीय कैबिनेट का फैसला अंतिम होगा.

(15.1.13)       यदि `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` सदस्य लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में बदलाव करना चाहता है, तो राष्ट्रीय कैबिनेट फैसला करेगी कि क्या वह निर्वाचन क्षेत्र को बदल सकता है या नहीं.

(15.1.14)       यदि `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` के लिए दो उम्मीदवार हैं और दोनों अनुच्छेद 15.1.1 में वर्णित शर्तों को पूरा करते हैं, तो राष्ट्रीय कैबिनेट फैसला करेगी कि किस व्यक्ति को `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` घोषित किया जाना चाहिए.

(15.1.15)       पार्टी के सदस्य जो `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` को अस्वीकार करते हैं और उस क्षेत्र में सांसद उम्मीदवार के रूप में किसी दूसरे पार्टी का सदस्य बनना पसंद करते हैं, वह किसी भी अन्य पार्टी का सदस्य के लड़ने के लिए स्वतंत्र होंगे. उनके विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होगी.

(15.1.16)       `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` द्वारा प्राप्त योगदान पॉइंट उन सदस्यों के बीच समानुपाति आधार पर विभाजित किए जाएंगे जिन्होंने उसे `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` बनने के लिए योगदान पॉइंट दिया था.

(15.2)      अगली चुनाव के लोकसभा उम्मीदवार के लिए `आगामी लोकसभा चुनाव उम्मीदवार` (एल.एस.सी.एन.ई) के लिए निर्णय लेना : यदि किसी सदस्य के पास 5 लाख पॉइंट हों या उसके समर्थक सदस्यों के पास कुल 5 लाख पॉइंट हैं और 15.1.1 (a) और 15.1.1 (b) अनुसार शर्तों को पूरा करता हो और उस लोकसभा क्षेत्र के लिए कोई भी `आगामी लोकसभा चुनाव उम्मीदवार` नहीं हो, तो अगले लोकसभा चुनाव के लिए लोकसभा उम्मीदवार बनने के लिए वो सदस्य आवेदन दे सकता है. ऐसे मामले में, चुनाव समाप्त होने तक पॉइंट फ्रीज रहेगा. चुनाव समाप्त होने के बाद, 3 महीने के भीतर, वह `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` या `आगामी लोकसभा चुनाव उम्मीदवार` बन सकता है. यदि वह ऐसा नहीं करने का फैसला लेता है, तो किसी दूसरा व्यक्ति उस निर्वाचन क्षेत्र में `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` या `आगामी लोकसभा उम्मीदवार` के लिए आवेदन दे सकता हैं और उसे नियुक्त किया जा सकता है. राष्ट्रीय कैबिनेट इस पर अंतिम फैसला लेगी. 5 लाख पॉइंट की सीमा में समय-समय पर बढ़ोतरी की जाएगी और इसका मान राष्ट्रीय कैबिनेट द्वारा निर्धारित किया जाएगा. `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` पर लागू होने वाले प्रावधान `आगामी लोकसभा चुनाव उम्मीदवार` पर लागू होंगे.

(15.3) लोकसभा उम्मीदवार के लिए फैसला लेना जब कोई `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` या `आगामी लोकसभा चुनाव उम्मीदवार` उपलब्ध नहीं होता है

(15.3.1)        यदि लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए कोई `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` या `आगामी लोकसभा चुनाव उम्मीदवार` उपलब्ध नहीं है, तो लोकसभा टिकट उस निर्वाचन क्षेत्र के पार्टी सदस्यों द्वारा बहुमत वोट के आधार पर आवंटित किया जाएगा. लोकसभा उम्मीदवारों को नियुक्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे

(15.3.2)        कोई भी सदस्य जो अनुच्छेद 15.1.1 (a) और 15.1.1 (b) के अनुसार शर्तों को पूरा करता है, वह अपना नाम एक या उससे अधिक लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवार के रूप में पार्टी की वेबसाईट पर पंजीकृत करवा सकता है. सांसद चुनाव के लिए जमा शुल्क से कम शुल्क वसूल किया जा सकता है. शुल्क राष्ट्रीय समिति द्वारा निर्धारित किया जाएगा और लोकसभा चुनाव की जमा राशि से कम होगी. कोई अनुमोदक और प्रस्तावक की जरूरत नहीं होगी. लोकसभा क्षेत्र के अन्य मतदाता, पार्टी कैबिनेट द्वारा निश्चित किये गए एस.एम.एस, ट्वीट या पद्धति के माध्यम से पार्टी द्वारा पंजीकृत उम्मीदवारों के लिए अपने मतदाता संख्या का समर्थन प्रदर्शित कर सकते हैं.

(15.3.3)             राष्ट्रीय समिति भारत के 543 निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग की गिनती के लिए तारीख निर्धारित करेगी.

(15.3.4)        गिनती की तारीख से पहले किसी भी दिन, कोई भी सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र (3.2.7 में परिभाषित है) में एक या अधिक उम्मीदवारों को 0-100 स्कोर स्कोर दे सकता है यदि उस निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी के उम्मीदवार के बारे में निर्णय नहीं लिया गया है.

(15.3.5)        उम्मीदवार का स्कोर कुल स्कोर होगा, जो कि निर्वाचन क्षेत्र के सदस्यों ने उन्हें दिया था.

(15.3.6)        निर्वाचन क्षेत्रों के समूह बनाये जायेंगे, एक राज्य के लिए निर्वाचन क्षेत्रों का एक समूह या जैसा कि राष्ट्रिय समीति निर्णय करता है. एक समूह में सभी निर्वाचन क्षेत्रों का एक ही दिन निर्णय किया जायेगा. निर्णय लेने के लिए, मतदान के लिए अंतिम तिथि उसे निर्वाचन क्षेत्र समूह के लिए घोषित की जाएगी. और उन सभी सदस्यों को जो अपने क्षेत्र में उम्मीदवारों को स्कोर देना चाहते हैं, उन्हें आखिरी तारीख तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों को स्कोर देना होगा.

(15.3.7)        अधिकतम स्कोर वाले सदस्य को उस निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया जाएगा..

(15.3.8)        अगली समाप्ति तिथि से पहले, सदस्य अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपने पसंद के किसी भी उम्मीदवारों को अपने स्कोर फिर से आवंटित कर सकता हैं.

(15.3.9)        एक सदस्य, अधिकतम 2 निर्वाचन क्षेत्रों में विजेता और पार्टी का उम्मीदवार बन सकता है.

(15.3.10)      यदि कोई सदस्य तीन निर्वाचन क्षेत्रों में जीतता है, तो उसे उस उम्मीदवार निर्वाचन क्षेत्र से हटा दिया जाएगा जिसका वह चयन करता है या उस निर्वाचन क्षेत्र से जिससे वो अंत में जीता था. ऐसी परिस्थिति में, उस निर्वाचन क्षेत्र में फिर से मतदान आयोजित की जाएगी.

(15.3.11)         इसके बारे में सटीक विवरण राष्ट्रीय कैबिनेट द्वारा तैयार की जाएगी.

(15.3.12)       मतदान खुली होगी और इसके लिए पार्टी की वेबसाइट या फेसबुक जैसे ओपन फोरम पर या पार्टी द्वारा बनाई गई ऐप का उपयोग किया जाएगा.

(15.3.13)         इस मतदान को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय कैबिनेट सॉफ्टवेयर और अन्य प्रशासनिक खर्च के लिए कार्यवाइयों पर कुछ शुल्क वसूल कर सकती है.

(15.3.14)       जब तक सिस्टम का निर्माण पूरी तरह से नहीं हो जाता है, राष्ट्रीय कैबिनेट एक सरल किये गए सिस्टम के रूप का उपयोग कर सकती है, जिसके बारे में राष्ट्रीय कैबिनेट द्वारा विस्तृत से वर्णन किया जाएगा. राष्ट्रीय कैबिनेट का फैसला अंतिम होगा. यदि सदस्य राष्ट्रीय कैबिनेट के फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं, तो बहुमत से वे किसी भी अन्य प्रक्रिया का प्रस्ताव और स्वीकृति दे सकता हैं. या, राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय कैबिनेट को भी बदल सकता हैं.

(15.3.15)       यदि इंटरनेट आधारित सिस्टम तैयार नहीं होता है, तो राष्ट्रीय समिति सदस्यों या प्रॉक्सी को शारीरिक रूप से मुख्यालय आने या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्य करने के लिए कह  सकती है.

16.     अनुच्छेद-16: राष्ट्रीय स्तर के नीचे इकाइयों में सदस्यता

(16.1) पार्टी के पास निम्नलिखित इकाईयाँ होंगी

a)         राष्ट्रीय इकाई – संपूर्ण पार्टी

b)         प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की इकाई

c)         प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्य इकाई

d)         प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की इकाई

e)         प्रत्येक नगर निगम या नगर पालिका के लिए एक शहर इकाई

f)          प्रत्येक वार्ड के लिए एक सिटी वार्ड इकाई

g)         प्रत्येक जिले के लिए एक जिला इकाई

h)         जिला में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक जिला वार्ड इकाई

i)          भारत में प्रत्येक तहसील के लिए एक तहसील इकाई

j)          तहसील में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक तहसील वार्ड इकाई

k)         भारत में प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए एक ग्राम इकाई

(16.2) प्रत्येक पार्टी का सदस्य राष्ट्रीय इकाई का सदस्य होगा.

(16.3)      इसके अतिरिक्त, किसी भी पार्टी का सदस्य बूथ वाले यूनिट में सदस्य बन सकता है, जिसमें वह सबसे अंतिम बार वोटर के रूप में पंजीकृत था, जैसा कि 3.2.7 में पहले बताया जा चुका है.

17.         अनुच्छेद-17: आम चुनावों में विधानसभा टिकटों का आवंटन

(17.1)      पी.ए.सी का फैसला करना यानी एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए `स्थायी विधानसभा उम्मीदवार` के लिए निर्णय लेना

(17.1.1)              यदि कोई सदस्य (a) उस क्षेत्र के चुनाव उम्मीदवारों के रूप में स्वयं के लिए एक विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की कुल संख्या के कम से कम 0.4% मतदाता के वोटर नंबर द्वारा समर्थन को पार्टी के वेबसाइट पर इकट्ठा और प्रदर्शित करता है और (b) पार्टी द्वारा समर्थित कानून के ड्राफ्ट के लिए उस क्षेत्र के कुल मतदाताओं की संख्या का कम से कम 0.4% मतदाता के वोटर नंबर द्वारा समर्थन एक्सेल शीट प्रारूप में फेसबुक या वेबसाइट पर एकत्रित करता और प्रदर्शित करता है (c) उसके पास कम से कम 2.5 लाख पॉइंट हैं, और (d) वह उस विधानसभा के लिए `स्थायी विधानसभा उम्मीदवार` बनने की विनती करता है और (e) उस विधानसभा के लिए कोई अन्य `स्थायी विधानसभा उम्मीदवार` नहीं है, तो राष्ट्रीय समिति उसे `स्थायी विधानसभा उम्मीदवार` के रूप में उन्हें घोषित कर सकती है.

(17.1.2)        नियम `स्थायी लोकसभा उम्मीदवार` (जैसा कि 15.1 में बताया जा चुका है) के समान होगा. पार्टी को पंजीकरण संख्या मिलने के 6 महीने के भीतर विवरण राष्ट्रीय समिति द्वारा प्रकाशित किया जाएगा.

(17.1.3)        राष्ट्रीय समिति राज्य समिति को `स्थायी विधानसभा उम्मीदवार` की नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल कुछ कार्यों को सौंप सकती है.

(17.2) एक आगामी विधानसभा चुनाव के लिए `आगामी विधानसभा चुनाव उम्मीदवार` का चयन करना

(17.2.1)         यदि किसी सदस्य के पास 1 लाख पॉइंट हों या समर्थक हों जिसके पास कुल 1 लाख पॉइंट हों और 17.1.1 (a) और 17.1.1 (b) अनुसार शर्तों को पूरा करता हो और उस विधानसभा के लिए कोई भी `आगामी विधानसभा चुनाव उम्मीदवार` नहीं हो, तो वो सदस्य राष्ट्रीय `आगामी विधानसभा चुनाव उम्मीदवार` बनने के लिए राष्ट्रीय समीति को आवेदन कर सकता हैं. चुनाव समाप्त होने तक उसके पॉइंट फ्रीज रहेगा.

(17.2.2)             नियम लोकसभा `स्थायी लोकसभा उम्मीदवार` के समान होंगे. पार्टी को पंजीकरण संख्या प्राप्त होने के 6 महीने के भीतर डिटेल राष्ट्रीय समिति द्वारा प्रकाशित किये जायेंगे.

(17.3) `आगामी विधानसभा चुनाव उम्मीदवार` या कोई `स्थायी विधानसभा उम्मीदवार` तय नहीं होने पर विधानसभा उम्मीदवार का निर्णय करना

(17.3.1)        पार्टी के सदस्य जो उस राज्य के किसी बूथ में पंजीकृत मतदाता हैं, वे " लोकसभा उम्मीदवार के लिए फैसला लेना जब कोई `लोकसभा स्थाई उम्मीदवार` या `आगामी लोकसभा चुनाव उम्मीदवार` उपलब्ध नहीं होता है" जैसी प्रक्रिया का उपयोग करके निर्णय करेंगे.

18.     अनुच्छेद-18 : स्थानीय निकाय के लिए चुनाव टिकटों का आवंटन

(18.1) राष्ट्रीय समिति पिछले अनुच्छेदों में बताये “स्थायी उम्मीदवार के बारे में फैसला लेने के नियम और उन उम्मीदवारों का फैसला करने के नियम जहाँ स्थायी उम्मीदवारों नहीं है” के सामान नियम बनाएगी, और उन्हें पंजीकरण संख्या प्राप्त होने के बाद 1 साल के भीतर प्रकाशित किया जायगा.

(18.2) तब तक, राष्ट्रीय समिति या प्रतिनिधि अधिकारी उस समिति में सदस्यों की बहुमत के वोटों के आधार पर उम्मीदवार नियुक्त करेगा.

19.     अनुच्छेद-19 : पार्टी के अंदर मतदान करना

(19.1) पार्टी के अंदर आयोजित किए सभी मतदान खुले होंगे और राष्ट्रीय अध्यक्ष, स्थानीय अध्यक्ष, समिति के सदस्यों और सभी सदस्यों का वोट सार्वजानिक किया जायेगा. मतदान नहीं करने को "नहीं" का वोट माना जायेगा, सिवाय कि मतदाता की मृत्यु हुई हो.

(19.2)   मतदान इंटरनेट / एस.एम.एस / टोरेंट आधारित माध्यम से आयोजित किया जाएगा, जैसे फेसबुक या पार्टी वेबसाइट या पार्टी द्वारा बनाए गए एप्प. सभी सॉफ्टवेयर का कोड सार्वजनिक किया जाएगा.

(19.3)   सॉफ़्टवेयर तैयार होने तक, मतदान के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना या वीडियो कांफेरेंस आवश्यक हो सकता है. ऐसी स्थिति में, राष्ट्रीय मुद्दे पर मतदान के लिए पार्टी मुख्यालय में शारीरिक उपस्थिति या वीडियो कांफेरेंस की आवश्यकता होगी. ऐसी स्थिति में, निचले स्तरों पर मतदान के लिए, मतदान इकाई के कार्यालय में होगा या वीडियो कांफेरेंस द्वारा मतदान होगा. राष्ट्रिय कैबिनेट अंतिम निर्णय लेगी. 

(19.4)   अध्यक्ष और राष्ट्रीय समिति को यह देखना चाहिए कि चुनाव आयोग से पार्टी को पंजीकरण प्राप्त करने के बाद इंटरनेट / एस.एम.एस / टोरेंट आधारित मतदान 6 महीने के भीतर उपलब्ध किया जाए.

20.      अनुच्छेद-20 : राष्ट्रीय समिति के सदस्यों का चुनाव और उन्हें बदलने की प्रक्रिया

(20.1) राष्ट्रीय समिति के पास 15 से 50 सदस्य होंगे. सटीक संख्या राष्ट्रीय कैबिनेट द्वारा निर्धारित की जाएगी.

(20.2) एक तिहाई सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा नियुक्त किए जाएंगे.

(20.3)      दो तिहाई सदस्यों को सभी पार्टी के सदस्यों द्वारा चुना जाएगा.

(20.4)      वोटिंग खुली होगी और वेबसाइट जैसे पार्टी वेबसाइट, फेसबुक या पार्टी की ऐप पर वोटिंग की जाएगी.

(20.5) राष्ट्रीय समिति के सदस्यों को वापस बुलाने की प्रक्रिया

(20.5.1) पार्टी का कोई सदस्य एक समिति का सदस्य बनने की इच्छा प्रकट कर सकता हैं.

(20.5.2) कोई भी सदस्य सभी या कुछ मौजूदा समिति के सदस्यों और उम्मीदवारों को 0 से 100 तक का स्कोर देकर अपना वोट जमा कर सकता है.

(20.5.3) एक सदस्य किसी भी दिन अपना वोट बदल सकता है

(20.5.4)    यदि किसी उम्मीदवार के पास समिति के सबसे कम मत प्राप्त करने वाले सदस्य से 10% अधिक स्कोर (कुल स्कोर का) हैं, तब सबसे कम स्कोर प्राप्त करने वाले सदस्य को निष्कासित कर दिया जाएगा और अधिक वोट वाले सदस्य को समिति का सदस्य बनाया जाएगा.

(20.5.5)    राष्ट्रीय कैबनेट मतदान के लिए शुल्क निर्धारित करेगी और प्रक्रिया को संचालित करने के लिए मतदान की प्रक्रिया में बदलाव कर सकती है. राष्ट्रीय कैबिनेट समीति सदस्यों के चुनाव और बदलने की प्रक्रिया को बदल सकती है.

(20.6)      प्रत्येक 4 सालों में, समिति विघटित हो जाएगी और समिति के सदस्य फिर से निर्वाचित होंगे.

21.     अनुच्छेद-21: विभिन्न

पार्टी के पंजीकरण के 5 सालों के अंदर, पार्टी भारतीय चुनाव आयोग द्वारा कम से कम एक चुनाव लड़ने का प्रयास करेगी और 5 सालों बाद भी पार्टी ऐसा करती रहेगी.

------------  समाप्त