विकल्प पार्टी (नागरिक-प्रामाणिक पार्टी) संविधान परिचय और सारांश

हमारा दल भारत के संविधान में पूरी आस्था रखता है. हमारे दल का नाम विकल्प पार्टी होगा या चुनाव आयोग के इसे अस्वीकार करने पर पार्टी द्वारा निर्धारित विकल्प नाम दल का होगा.

मुख्य पार्टी एजेंडा-घोषणा-पत्र – इस संविधान के अनुसार हमारे जो मुख्य राष्ट्रीय मुद्दे हैं उनको हमने अपने एजेंडा-घोषणापत्र पर प्रकाशित किया है. मुख्य मुद्दों में पहला मुद्दा है कि सरकारी अफसर का कार्य विस्तार से वेबसाईट पर पब्लिक को दिखना चाहिए और पब्लिक फंड कितना आया और कितना खर्च हुआ, उसको भी वेवसाईट पर दिखना चाहिए ताकि जनता अच्छे लोगों का बढ़ावा कर सके. दूसरे मुख्य मुद्दे – सरकारी प्रतिनिधियों और अफसरों को बदलने की प्रक्रिया , जूरी प्रणाली, और पारदर्शी शिकायत प्रणाली मीडिया पोर्टल है. घोषणा पत्र का लिंक – brvp.org/manifesto.h.
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पार्टी के प्रस्तावित मुद्दों और ड्राफ्ट के लिए सार्वजानिक, वोटर नंबर समर्थनपार्टी के इन मुद्दों को कोई भी मतदाता अपने मतदाता संख्या या पता द्वारा समर्थन एस.एम.एस, ट्विट्टर द्वारा सार्वजानिक दिखा सकता है. कार्यकर्ता किसी मुद्दे के लिए वोटर नंबर / पता के समर्थन, मुद्दे के सारांश और लिंक के साथ एक सादे कागज पर भी इकठ्ठा कर सकता है और उसे स्कैन करके इन्टरनेट पर शेयर कर सकता है. लिए जा द्वारा इकठ्ठा करके दिखा सकता है. पार्टी ने एस.एम.एस के द्वरा अपनी वोटर नंबर के साथ राय रखने के लिए पार्टी ने मंच भी बनाया है – sms.brvp.org/hindi इस वेबसाईट पर कोई ही मतदाता रजिस्टर होकर अपना मुद्दा रख पायेगा और दूसरे मतदाता उसका समर्थन वोटर नम्बर के साथ सार्वजानिक दिखा सकते हैं. मतदाता अपना वोटर नंबर समर्थन कभी भी बदल सकता है या रद्द कर सकता है. इस प्रकार, मुद्दे को समर्थन मिलता जायेगा जबतक वो मुद्दा लागू नहीं हो जाये. आज अधिकतर पार्टियां या पार्टियों के सांसद सत्ता पाने पर मुद्दे को छोड़ देते हैं. लेकिन यदि मुद्दे के लिए वोटर नंबर के साथ समर्थन सार्वजानिक होगा, तो पार्टी या प्रतिनिधि मुद्दा छोड़ भी दें, तो भी मुद्दा लागू हो जाये और मुद्दा अपने लक्ष्य तक पहुंचे इसकी सम्भावना अधिक हो जाती है.
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पार्टी सदस्यता – यदि कोई भारतीय मतदाता घोषणा पत्र में लिखे मुख्य मुद्दे और पार्टी संविधान को सार्वजानिक रूप से स्वीकार करता है, तो वो अपने आप को पार्टी का एक सामान्य सदस्य घोषित कर सकता है. एक छोटी राशि के भुगतान और फॉर्म भरने के बाद और पार्टी के मुख्य प्रस्तावित ड्राफ्ट और मुद्दों के लिए कुछ योगदान पॉइंट अर्जित करने के बाद वो सदस्य दल की सक्रीय (पूर्णकालिक) सदस्यता ले सकता है . केवल एक सक्रीय सदस्य पार्टी के आंतरिक मतदानों में मतदान सकेगा.

पार्टी के हर सक्रीय (पूर्णाकालिक) सदस्य को पार्टी के प्रस्तावित ड्राफ्ट और मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिये उसके दिये योगदान के अनुसार अंक दिये जायेंगे. इससे सदस्यों को पार्टी के मुद्दों के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी.

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पार्टी में अनुशासनिक कार्यवाही – सक्रीय (पूर्णकालिक) सदस्य से आशय सक्रिय सदस्य से है जैसा दल के संविधान में लिखा है । कोई भी दल का सदस्य पार्टी के ख़िलाफ़ अभियान मतदान कर सकता है, उसे पूरी आज़ादी है वह किसी भी सदन में पार्टी के विरूद्ध मतदान करे किसी भी नियम अथवा बिल पर हाँ साथ ही वो चाहे तो दूसरे दल से भी चुनाव लड़ सकता है परंतु किसी भी परिस्थिति में उसके योगदान पाइंट कम न होंगे और न ही उसपर कोई करवाई होगी सिवाय कि वो घोषणा पत्र में बताये पार्टी के मुख्य मुद्दों का विरोध या पार्टी संविधान का विरोध सार्वजानिक रूप करता है. विवाद समाधान व अनुशासन पार्टी में बस इतना है कि किसी पर अदालत / पुलिस या किसी सरकारी निकाय में झूठा मुकदमा दायर न करे व घोषणा पत्र में बताये पार्टी के मुख्य मुद्दों का सार्वजानिक विरोध न करें या पार्टी के संविधान का सार्वजानिक विरोध न करे अन्यथा ऐसा कुछ करने पर आपको पार्टी से निष्कासित कर दिया जावेगा.

पार्टी का ढांचा – पार्टी का एक राष्ट्रीय अध्यक्ष होगा व हर स्तर पर एक अध्यक्ष होगा परंतु पार्टी मंत्रीमण्डल सिर्फ़ राष्ट्रीय स्तर पर ही होगा व पार्टी के हर स्तर पर एक कार्यकारिणी भी होगी जिसके २/३ सदस्य दल के अंदरूनी चुनावों से चुने जायेंगे व बाक़ी को अध्यक्ष मनोनीत करेगा.

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पार्टी विलय, विभाजन और विघटन – पार्टी के २/३ बहुमत पर पार्टी के विलय, विभाजन अथवा अंत संभव होगा । पार्टी जप्रअ,१९५१ के २९अ (५) को अनिवार्य रूप से मानती है.
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पार्टी दान और खर्चा – पार्टी के ख़र्च का सभी हिसाब किताब किसने कहाँ क्या किसपर कितना ख़र्चा किया सब एक वेबसाइट पर होगा. पार्टी के धन का उपयोग किसी भी भूमि या भवनों को खरीदने के लिए या निजी कार्यों के लिए नहीं किया जाएगा. सबसे लंबा किराये का अनुबंध 3 वर्षों के लिए होगा.

पार्टी किसी को भी कर चोरी रोकने हेतु आयकर से छूट के लिये कोई भी प्रमाणपत्र नहीं देगी. पार्टी चाहती है कि कोई भी दानकर्ता पहले सरकार को देय कर चुकाए और उसके बाद ही पार्टी को दान करे. क्योंकि कर के पैसों का प्रयोग नागरिकों के लाभ हेतु ही है. इस प्रकार, साफ-सुथरे दानकर्ता ही पार्टी को दान करेंगे.

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पार्टी पदधारियों का रिकॉल / बदलना – पार्टी में किसी भी स्तर के अध्यक्ष या समीति के सदस्यों को कभी भी रिकॉल या बदला जा सकता परंतु रिकॉल चाहने वाले व्यक्ति को रिकॉल किये गये पूर्वाधिकारी को इसकी क्षतिपूर्ति करना होगी. क्योंकि दल में मान्यता है देश तो सब नागरिक के मिलने से होता है चलता है परंतु एक निजी कंपनी या एक राजनीतिक पार्टी की स्थापना सभी नागरिकों द्वारा नहीं की जाती है. एक राजनीतिक दल एक संस्थापक के श्रम, उम्मीदवार या घोषणा पत्र के लिए मतदान करने वाले मतदाताओं और फिर उस पार्टी में शामिल होने वाले नए उम्मीदवारों से निर्मित होती है. अपवाद स्वरूप, पार्टी का पहला राष्ट्रिय अध्यक्ष का रिकॉल पहले साल के बाद ही होगा.

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पार्टी उम्मीदवारी के मानदंड – किसी भी क्षेत्र में भारतीय संवैधानिक स्तर के चुनाव हेतु कम से कम आपको अपने उस चुनाव क्षेत्र में जहाँ आपको चुनाव लड़ना हो तो स्वयम के लिए व पार्टी प्रस्तावों के लिय कुछ निर्धारित प्रतिशत का वोटर नंबर के साथ समर्थन सार्वजानिक दिखाना होगा । यदि पार्टी वेबसाइट पर उस क्षेत्र के कुल मतदाताओं की संख्या के कम से कम 0.4% मतदाता अपने वोटर नंबर द्वारा उस क्षेत्र के चुनाव उम्मीदवार के रूप में किसी सक्रिय (पूर्णकालिक) पार्टी सदस्य का समर्थन करते हैं, तथा वो सदस्य पार्टी द्वारा समर्थित कानूनी ड्राफ्ट के लिए उस क्षेत्र के मतदाताओं की कुल संख्या के कम से कम 0.4% मतदाताओं का वोटर नंबर द्वारा समर्थन एक्सील शीट फॉर्मेट में फेसबुक या वेबसाइट पर इकट्ठा और प्रदर्शित करता है, तो उसे संभावित पार्टी उम्मीदवार के रूप में दर्ज किया जायेगा. पार्टी के सदस्य वोटिंग के द्वारा संभावित उम्मीदवारों में से उस क्षेत्र के लिए पार्टी उम्मीदवार को चुन सकते है.

इन शर्तों के अलावा, चुनाव समाप्त होने के कुछ समय बाद, यदि किसी सक्रीय पार्टी सदस्य के पास निश्चित योगदान पॉइंट हैं , तो वो उस क्षेत्र के `स्थायी उम्मीदवार` या `अगले चुनाव के लिए उम्मीदवार` के लिए आवेदन देता है, तो उसे उस क्षेत्र का `स्थायी उम्मीदवार` या ` अगले चुनाव के लिए उम्मीदवार` घोषित किया जा सकता है बशर्ते किसी भी समय उससे 10% अधिक समर्थन पाने वाला सक्रीय पार्टी सदस्य न हो.

पार्टी के पंजीकरण के 5 सालों के अंदर, पार्टी भारतीय चुनाव आयोग द्वारा कम से कम एक चुनाव लड़ने का प्रयास करेगी और 5 सालों बाद भी पार्टी ऐसा करती रहेगी.

पूरा संविधान यहाँ देखें – brvp.org/vikalp-samvidhan