विकल्प पार्टी एजेंडा-घोषणा पत्र एक सारंश

(हरेक एजेंडा के विवरण इस लिंक पर देखें – brvp.org/manifesto,h)

  1. पब्लिक फंड खर्चे में नागरिक-प्रमाणिकता –
    वेबसाईट जिसमें पब्लिक पैसों के खर्चे की विस्तृत जानकारी जैसे भुगतान को पास करने वाले अफसर का नाम, जांच करने वाले अफसर का नाम आदि को नागरिक आसानी से ढूँढ सकें. वेबसाईट पर जाकर नागरिक अफसर का नाम डालकर अफसर के सभी कार्यों का पिछला रिकोर्ड देख सकते हैं. नागरिक स्वयं सत्यापित करके निर्णय कर सकते हैं कि कौनसे अफसर सही काम कर रहे हैं ताकि नागरिक उन अफसरों का समर्थन कर सकें. नागरिकों के पास सही जानकारी हो, तो इसकी सम्भावना बढ़ जाती है कि नागरिक सही निर्णय लें.
  2. राईट टू रिकॉल (नागरिकों का अपने अफसर बदलने का अधिकार)
    यदि हमारी प्रस्तावित प्रक्रियाएँ लागू हो जाती हैं, तो अफसर नौकरी जाने और अधिक अच्छे व्यक्ति द्वारा बदले जाने के डर से अपना व्यवहार और काम सुधार देंगे. ये प्रस्तावित प्रक्रियाएँ ये सुनिश्चित करती हैं कि मीडिया, पैसा या कोई और प्रभाव अच्छा काम करने वाले अफसरों को हानि नहीं पहुंचाएं और इन प्रक्रियाओं का प्रयोग करके नागरिक बुरे अफसरों को हानि पहुंचे से रोक सकते हैं. ये प्रस्तावित प्रक्रियाएँ स्थिरता भी बढ़ाती हैं.
  3. स्वदेशी निर्माण
    100% भरत में निर्माण, 100% भारतियों द्वारा निर्माण जिससे देश को सुरक्षित रखा जा सके और विदेशी मुद्रा कर्ज संकट से बचाया जा सके.
  4. पारदर्शी-प्रामाणिक. मीडिया पोर्टल
    नागरिकों के लिए नागरिक-प्रामाणिक (नागरिकों द्वारा स्वयं जांचा जा सकने वाला) मंच जिसके द्वारा नागरिक अपने एफिडेविट पर सबूत, शिकायत आदि को प्रधानमंत्री वेबसाईट पर, मामूली फीस देकर, स्कैन करवा सकें.
  5. अनुसूचित जाति (दलित), अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) और अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब लोगों के समर्थन द्वारा आरक्षण घटाना और आरक्षण की जरूरत कम करना
    प्रस्ताव जिनके द्वारा दलितों की सहमति द्वारा आरक्षण को कम इया जा सके और आरक्षित की जरुरत को कम किया जा सके.
  6. जूरी सिस्टम
    प्रस्तावित प्रक्रिया-ड्राफ्ट जिसके द्वारा सबूतों को नष्ट होने से रोका जा सके और कोर्ट फैसले जल्दी और अधिक न्यायपूर्वक आयें. कोर्ट के फैसले जज के बदले मतदाता सूची में से क्रम-रहित तरीके (लॉटरी) से चुने हुए 15 से 1500 जूरी सदस्य करेंगे.
  7. प्रस्तावित `सेना और नागरिकों के लिए खनिज आमदनी` द्वारा कुछ ही महीनों में गरीबी कम करना
    खनिज आमदनी और पब्लिक जमीन के किराये के नागरिक के हिस्से को सीधे नागरिकों के खाते में जमा करना – इससे गरीबी कुछ ही महीनों में कम हो जायेगी.
  8. राष्ट्रपति प्रणाली
    राष्ट्रपति और राज्यपाल के पद को रद करने और प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सीधे चुनाव करवाने का प्रस्ताव. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को नागरिक किसी भी दिन बदल भी सकेंगे.
  9. शराब सेवन और नशे की लत और सम्बंधित अपराधों को कम करना
    पार्टी नीदरलैंड (होलैंड) मॉडल का समर्थन करती है जिसमें नशा-मुक्ति केन्द्रों की हालत सुधारी गयी और जनमत-संग्रह द्वारा प्रतिबन्ध हटाया गया. केवल प्रतिबन्ध लगा देना और कुछ भी सिस्टम में सुधर नहीं लाने का परिणाम केवल अवैध तस्करी और मिलावटी शराब कि अवैध बिक्री है जिससे मिलावटी शराब पीने वालों की मौत और तीव्र बीमारी होती है. नशा-मुक्ति केन्द्रों की स्थिति में तो कोई सुधार किया ही नहीं जाता.
  1. बलात्कार, यौन उत्पीडन, दहेज के कारण मृत्यु, अपराध और झूठी शिकायतें कारण और समाधान (अधिक जानकारी के लिए देखें http://www.brvp.org/balatkar-dahej-jhuthi-shikayatein-kam-karna) –
    बलात्कार के बढ़ते चले जाने का कारण है सबूतों का आसानी से दबाया जाना और भ्रष्ट, रिश्वत लिए जज, सरकारी वकील और पोलिस द्वारा उचित कदम नहीं उठाना. इसलिए, दोषी को सज़ा नहीं होती और बलात्कार होता रहता है. नए अपराधियों को सजा नहीं होती और आगे चलकर वे बड़े अपराध करते हैं और उनके आसपास के लोगों को भी अपराध करने की प्रेरणा मिलती.
    इस समस्या को कम करने के लिए हम प्रस्ताव करते हैं – 1) नागरिक-प्रामाणिक, पारदर्शी शिकायत-प्रस्ताव प्रक्रिया – ताकि शिकायतों / सबूत को दबाया नहीं जा सके,  2) जूरी मुकदमा – न्यायपूर्ण और थोड़े समय में फैसलों के लिए, 3) जूरी की सहमति से पब्लिक में नारको जांच – इससे झूठे शिकायतों की सम्भावना कम हो जाती है, 4) जिला पोलिस कमिश्नर और जिला जजों पर राईट टू रिकॉल – ताकि नागरिक अच्छे अफसरों का समर्थन कर सकें और अफसरों को बुरा करने से रोक सकें.
  2. आवास योजना : आवासों (घरों) की कीमतें घटाना और स्थिर रखना
    प्रस्तावित प्रभावशाली संपत्ति कर और प्रस्तावित `नागरिक और सेना के लिए खनिज आमदनी` राजपत्र अधिसूचना भूमि की जमाखोरी को रोकेंगे और इससे जमीन के दाम कम हो जायेंगे. जब जमीनों की कीमतें कम होंगी, तो घरों की कीमत और घरों का किराया भी कम होगा. फिर जो झुग्गियों में रहते हैं, वे एक बेड रूम हाल किचेन के फ्लैट में जा सकेंगे. और यदि जमीन के दम गिरते हैं, उद्योगों (व्यापारों) की संख्या बढ़ेगी (क्योंकि जैसे जैसे जमीन की कीमत गिरेगी, कारीगरों के लिए अपना व्यापार शुरू करना आसान होगा), और हम आम-नागरिकों के पास ज्यादा रोजगार और बेहतर वेतन होगा.
  1. टैक्स प्रणाली सुधार ताकि स्वतंत्र, लघु उद्योग बढ़ सकें –
    प्रभावशाली संपत्ति-कर भूमि की जमाखोरी रोकता है और भूमि का मूल्य कम हो जाता है. क्यूंकि किसी भी उद्योग या धंधे को शुरू करने के लिए, मुख्य तत्व भूमि होती है, भूमि के कम मूल्य के कारण छोटे-मोटे धंधे पनपते हैं और धंधों की संख्या बढती है और रोजगार भी बढ़ता है. प्रभावशाली संपत्ति-कर उन व्यक्तियों को कोई भी हानि नहीं पहुंचाता जो भूमि और संपत्ति की जमाखोरी नहीं कर रहे हैं और अपनी संपत्ति का उद्योग, व्यापार के लिए उपयोग कर रहे हैं क्यूंकि दिए गए आय-कर और कर्मचारियों के लिए वेतन की संपत्ति-कर में से छूट होगी.
  2. पोलिस प्रशासन में सुधार – ऐसे कानून लागू करना जिससे नागरिकगण जिला पुलिस कमिश्नर को बदल सकें और पुलिस कर्मचारियों पर जूरी सिस्टम द्वारा अफसर अपना काम सुधरने के लिए प्रेरित होंगे. अन्य सुधारों में जमीनों पर संपत्ति-कर का उपयोग करके, पुलिस कर्मचारियों की संख्या तीन गुना करना, राष्ट्रीय पहचान-पत्र प्रणाली बनाना जिससे अपराधियों को पकड़ने और उनका रिकॉर्ड रखने में सुधार हो
  3. शिक्षा के सिस्टम में सुधार – जिला शिक्षा अधिकारी, राज्य शिक्षा मंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और विश्वविधालय उपकुलपति आदि पर राईट टू रिकॉल की प्रक्रिया उन अफसरों का बढ़ावा करेगा जो अच्छा कार्य कर रहे हैं. किसी जिले / राज्य के माता-पिता वोट द्वारा अपना मत दे सकते हैं कि उनके बच्चों को कौनसे विषय पढाए जायें.
  4. राष्ट्रीय आई.डी. सिस्टम सुधारना – जब तक राष्ट्रिय पहचान-पत्र (आधार कार्ड) मालिक, माता-पिता, रिश्तेदार और बैंक खतों से नहीं जोड़ा जाता और जब तक आधार कार्ड विभाग के प्रमुख को नागरिक बदल नहीं सकते और आधार कार्ड विभाग के स्टाफ पर जूरी मुकदमा सिस्टम लागू नहीं हो जाता, आधार कार्ड पूरी तरह लाभदायक नहीं होगा और उसका दुरूपयोग हो सकता है.
  5. कृषि और राशन कार्ड में सुधार करना – राष्ट्रीय / राजकीय कृषि मंत्री और राष्ट्रीय / राजकीय सिंचाई मंत्री पर राईट टू रिकॉल कृषि और सिंचाई में भ्रष्टाचार कम करेगा. रासायनिक खाद और खरपतवार के लिए छूट को कम करने और समर्थन मूल्यों में वृद्दि करने से किसान को सीधी मदद मिलेगी और स्वस्थ, विषरहित उपज में बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही, राशन सिस्टम में भी सुधार होना चाहिए ताकि उपभोक्ता पर बुरा प्रभाव न हो. मिलावट के आरोपी वाले मामलों के लिए `जूरी सुनवाई` और तुरंत और न्यायपूर्ण फैसले के लिए आरोपी पर `जूरी सदस्यों की सहमति से पब्लिक में नार्को टेस्ट` से किसान और उपभोक्ता दोनों को लाभ होगा.
  6. स्वास्थ्य प्रणाली सुधारना
    प्रोडक्ट पेटेंट कानून को हटाना और फिर से प्रोसेस पेटेंट कानून लाना, चिकित्सा में सभी स्व-वित्तीय सीटें (पैसों से खरीदी गयी सीट) समाप्त करना ताकि गुणवान विद्यार्थियों को प्रवेश मिले और अन्य सुधार.
  7. महंगाई काम करना
    सामान्य तौर पर महंगाई तभी बढ़ती है जब रुपये (एम 3) बनाये जाते हैं लोन,आदि के रूप में और भ्रष्ट अमीरों को दिए जाते हैं, जिससे प्रति नागरिक रुपये की मात्रा बढ जाती है और रुपये की कीमत घाट जाती है और दूसरे चीजों की कीमत बढ जाती है जैसे खाद्य पदार्थ/खाना-पीना, तेल आदि. समाधान ये है कि ` वित्त मंत्री और रिसर्व बैंक गवर्नर पर राईट टू रिकॉल` लागू हो ताकि अमीरों के लिए रूपये (एम 3) के निर्माण पर रोक लगे. रिसर्व बैंक गवर्नर रुपयों का निर्माण सिर्फ तब ही कर सकेगा जब भारत के 51% नागरिक उसे पारदर्शी शिकायत / प्रस्ताव प्रणाली द्वारा स्वीकृति प्रदान करेंगे.
  8. कानून-निर्माण प्रक्रिया सुधार
    सांसद और विधायक कुछ कानूनों को पास न करने के लिए घूस लेते हैं और कुछ कानूनों को पास/पारित करने के लिए घूस लेते हैं. यदि नागरिक-प्रामाणिक मीडिया पोर्टल जिसे पारदर्शी शिकायत-प्रस्ताव प्रणाली भी कहते हैं, लागू हो जाता है, तो नागरिक एक प्रभावशाली, नागरिक-प्रामाणिक तरीके से बता पाएंगे कि उन्हें राजपत्र में क्या छपवाना है और क्या नहीं छपवाना.
  9. मॉरिशस, सिंगापुर और फिजी कर संधियाँ आज ही रद्द करने की मांग बिना देर किये
    मॉरिशस, सिंगापुर, फिजी की टैक्स-संधियाँ काले धन के निवेश और काले धन को सफेद में बदलने का एक बड़ा रास्ता है.  इन संधियों के कारण जिन कंपनियों का इन देशों में प्रमुख कार्यालय है उन्हें कम टैक्स चुकाना पड़ता है  उन कंपनियों की तुलना में जिनके प्रमुख कार्यालय भारत में है.  इसका परिणाम स्वदेशी उद्योगों का  अन्यायपूर्ण शोषण है चाहे वे कितने ही प्रभावशाली (सक्षम) क्यों ना हों