भूमिका – भारतीय राजपत्र क्या है और उसका महत्व

देश केन्द्रीय, राज्य राजपत्र (सरकारी मैगज़ीन) में क्या नोटिस छपा है, उसके अनुसार चलता है. नेताओं के भाषणों और नारों से देश की व्यवस्था नहीं चलती. भारतीय राजपत्र में विस्तृत जानकारी होती है कि किस अफसर को क्या कार्य करना है.

उदाहरण – 8 नवंबर 2016 को 500, 1000 रुपये के पुराने नोट बंद हुए तो केवल प्रधानमंत्री ने बोला तो नोट बंद हुए, ऐसा नहीं है. पुराने नोट बंद इसीलिए हुए क्योंकि प्रधानमत्री ने भारतीय राजपत्र में ये निर्देश छपवाया था.

समाचार में राजपत्र के कुछ उल्लेख –

राजपत्र में जो लिखा जाता है, तो वो लागू हो जाता है. अब आपको उसको बदलना है, तो फिर नया मैटर उसमें डालना होगा. इसलिए राजपत्र मुख्य चीज है.

तो नागरिकों को, कार्यकर्ताओं को, पार्टियों को पहली चीज ये बतानी चाहिए कि राजपत्र में क्या होता है और क्या नहीं होना चाहिए. कार्यकर्ताओं, नागरिकों को अपने प्रिय नेताओं और चुनावी उम्मीदवारों को कहना चाहिए कि चुनाव पूर्व अपने वेबसाईट, ट्विट्टर आदि द्वारा वे ड्राफ्ट मांग करें जो वे राजपत्र में छपवाना चाहते हैं.

500, 1000 के नोट बंद होने चाहिए तो वो भी राजपत्र में लिखा जायेगा | अच्छा प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री है, तो भी राजपत्र का प्रयोग करता है, बुरा व्यक्ति है तो भी राजपत्र का ही प्रयोग करता है.

आप सबसे अच्छे विकल्प को वोट या समर्थन करें लेकिन आपके, आपके परिवार – देश की भलाई के लिए अच्छे प्रक्रिया.ड्राफ्ट का बढ़ावा करें |

जनसेवक का ये काम होता है कि वो ऐसी नीतियों का प्रस्ताव करे और ऐसी नीतियां पारित करे जिससे समाज और देश का भ्रष्टाचार, अपराध आदि समस्याओं का समाधान आये | और इसकी कोई गारंटी नहीं है कि चुनाव जीतने के बाद कोई व्यक्ति पलट नहीं जाता है ; इसलिए केवल वायदे करने से कोई सकारात्मक परिवर्तन नहीं आने वाला है.  इसलिए एक अच्छी पार्टी का यही नारा और उदेश्य होना चाहिए कि पहले हमारा काम देखो और फिर हमें वोट और समर्थन दो.

जनता से किसी भी प्रकार का समर्थन लेने के लिए हमें सबसे पहले उनको पूरी प्रस्तावित प्रक्रिया दिखानी आवश्यक है. हो सकता है कि वे उस प्रक्रिया को पसंद करें या उस प्रक्रिया पर अपने सुझाव दें या उससे भी अच्छी प्रक्रिया बताएं. लेकिन बिना प्रक्रिया दिखाए, लोगों से समर्थन माँगना उनके साथ धोखा है.

विकल्प पार्टी (पंजीकरण शेष) क्यों ?

विकल्प पार्टी एकमात्र पार्टी है जिसने चुनाव के पूर्व अपने फेसबुक पेज और वेबसाईट पर डाला है कि वो राजपत्र में क्या छपवाना चाहती है . पार्टी ने टी.सी.पी., राईट टू रिकॉल-विधायक, राईट टू रिकॉल-मुख्यमंत्री और निचली अदालतों में जूरी सिस्टम को अपने फेसबुक पेज और वेबसाईट पर डाला है जो कोई भी डाउनलोड करके बाँट कर सकता है और पार्टी इन पर्चों को जनता में प्रचार कर रही है  (ड्राफ्ट और शुरुवाती पर्चों के लिए fb.com/1170674479691346 देखें). पार्टी घोषणा-पत्र में भी इन ड्राफ्ट का सारांश दिया गया है इन ड्राफ्ट के पूरे प्रारूप के लिंक के साथ.

हम सभी नागरिकों, कार्यकर्ताओं को हमारी पार्टी से जुड़ने और जन-जन तक अच्छे प्रक्रियाओं को पहुँचाने और उन्हें भारतीय राजपत्र में छपवाने में मदद करने के लिए आमंत्रित करते हैं. कार्यकर्ता / नागरिक हमारी वेबसाईट sms.brvp.org  पर वोटर नम्बर के साथ रजिस्टर हो सकते हैं और अपने प्रस्तावित राजपत्र भी वेबसाईट पर रजिस्टर करवा सकते हैं. दूसरे नागरिक उन मुद्दों पर अपना समर्थन या विरोध अपने वोटर नंबर के साथ दिखा सकते हैं.

विकल्प पार्टी राईट टू रिकॉल-मुख्यमंत्री आदि प्रस्तावित राजपत्र कैसे लागू करेगी ?

हमारी एक नागरिक प्रामाणिक मीडिया वेबसाईट – जो कोई भी नागरिक जांच कर सकता है – जहाँ हर नागरिक अपने वोटर नंबर / मोबाइल नंबर द्वारा रजिस्टर हो सकता है और उचित कोड-एस.एम.एस भेज कर अपने वोटर नंबर के साथ अपनी राय सार्वजानिक दर्शा सकता है. इसका डेमो इस साईट पर देखें – sms.brvp.org

ऊपर बताये गए पब्लिक एस.एम.एस. गिनती सर्वर पर, नागरिक ड्राफ्ट के रूप में अपने सुझाव और शिकायत दे सकते हैं . यदि कोई ड्राफ्ट जनहित का होगा और यदि उसके लिए पार्टी साईट पर पर्याप्त वोटर आई.डी. नंबर समर्थन (जैसे 5000 पंजीकृत समर्थन) आयें, तो पार्टी इसे हर प्रकार से बढ़ावा करेगी और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आदि जनसेवकों से भी मिलेगी .

नोट – जिनके पास इन्टरनेट है, कृपया वे अपना ट्वीट बनाएँ जिसमें जनहित राजपत्र का हैश-टैग हो और उस मुद्दे का लिंक हो और उसे @pmoindia पर भेजें और एक कॉपी @brvparty पर भेजें.

ट्वीट का एक उदाहरण इस लिंक पर देखें – twitter.com/Kumar_BRVP/status/825711981932007430

हस्ताक्षर द्वारा समर्थन की तुलना में, वोटर आई.डी. नंबर इन्टरनेट समर्थन प्रामाणिक है. क्योंकि नागरिक हस्ताक्षर को स्वयं जांच नहीं सकते और न ही हस्ताक्षर देने वाले को संपर्क करके और जानकारी ले सकते हैं जबकि वोटर आई.डी. नंबर से पता निकालकर नागरिक स्वयं संपर्क करके जांच सकता है.

यदि कोई जनसेवक इसको लागू करने के लिए कार्य नहीं करना चाहता, तो उसे ऐसा करने के लिए कारण बताना होगा. जब तक टी.सी.पी. प्रस्ताव (नागरिक का प्रामाणिक मीडिया मंच) लागू नहीं हो जाता, इस प्रकार का पब्लिक एस.एम.एस गिनती सर्वर से नागरिकों को एक प्रामाणिक मंच प्राप्त होगा.

पार्टी वेबसाईट पर सारा डाटा एक्सेल फोर्मैट में होगा और कोई भी डाउनलोड कर सकता है. इसीलिए यदि किसी कारण हमारी साईट बंद हो जाये, तो भी डाटा नष्ट नहीं होगा और उसके आगे भी लोग वोटर नंबर समर्थन इकठ्ठा कर सकते हैं.

हम सभी को बोलते हैं कि किसी मुद्दे पर वोटर नंबर समर्थन को इकठ्ठा करके एक्सेल शीट पर डालें और सोशियल मीडिया पर सभी के साथ शेयर करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए कहें. और सभी वोटर नंबर समर्थन वाली एक्सेल शीट के डाटा के डुप्लिकेट हटा कर डाटा को इकठ्ठा किया जा सकता है.

यदि किसी क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में लोगों ने इन प्रस्तावित प्रक्रियाओं का वोटर आई.डी. नंबर प्रमाण के साथ इन्टरनेट पर सार्वजानिक समर्थन दिखाया और अपने जनसेवक से मांग किया तो उस क्षेत्र में ये प्रक्रियाएँ आ जाएँगी और उस क्षेत्र में भ्रष्टाचार, अपराध कम हो जायेगा .

उदाहरण – सूचना आधिकार अधिनियम सबसे पहले राजस्थान में आया था जब हजारों ने मांग की थी और फिर पूरे देश में माँगा गया और पूरे देश में लागू हो गया.