नागरिक-प्रामाणिक, पारदर्शिता सरकारी वेबसाईट

यदि हम सत्ता में आये, तो हम नागरिक-प्रामाणिक, पारदर्शिता सरकारी वेबसाईट लागू करेंगे, जिसमें पब्लिक पैसों के खर्चे के बारे में विस्तृत जानकारी दिखाई गयी हो, जैसे नीचे उदाहरण के साथ बताई गयी है. और यदि हम सत्ता में नहीं भी आते, तो भी हम इन्टरनेट पर जनसमूह के वोटर नंबर समर्थन के आधार पर अफसरों पर दबाव डालेंगे  कि इस प्रकार की नागरिक-प्रामाणिक वेबसाईट बनाएँ.

A. भूमिका और समस्या

आज देश में नागरिकों से टैक्स आदि लिया जाता है. और नागरिकों के उस पैसे से प्रशासन और कोर्ट आदि का खर्चा चलता है. और नागरिकों को सरकार के काम-काज का आंकलन करना होता है, जहाँ पर गडबडी हो, उसकी शिकायत करनी होती है ताकि गलत व्यक्ति गलत नहीं करे. अब कोई नागरिक या कोई कार्यकर्ता तभी सही से आंकलन कर सकता है जब उसके पास पर्याप्त जानकारी हो. लेकिन अधिकतर देखा जाता है कि सरकारी दस्तावेजों को नागरिक देख भी नहीं सकते.

नागरिकों के पास विभिन्न केन्द्रीय और राज्य के विभागों सूचना के अधिकार के अफ्सोरों के पास सूचना प्राप्त करने के लिए अर्जी देने का विकल्प तो है, लेकिन इस प्रक्रिया की काफी सीमाएं हैं.

एक उदाहरण देखते हैं –

2015 में एक सूचना अधिकार अर्जी दर्ज हुई थी जिसमें सलमान खान के गाडी से लोगों को मार कर भाग जाने वाले मामले पर सरकार ने कितना खर्चा किया था, उसकी विस्तृत जानकारी मांगी गयी थी. जवाब आया कि फाइलें 2012 में जल गयी, इसलिए ये जानकारी नहीं दी जा सकती !! और सरकार इस जानकारी को फिर से प्राप्त करने में भी असफल रही है !! और तो और, अपराधिक तत्व सूचना अधिकार के कार्यकर्ताओं को मार कर भी मामले को दबाने का प्रयास करते हैं.

एक दूसरा उदाहरण देखते हैं –

आज ये आम बात है कि रोड बनता हैं और कुछ एक-आध साल बाद घटिया माल डालने के कारण वो टूट जाता है. जगह जगह गडडों के कारण दुर्घटना होती है और लोगों की जान भी जाती है. रोड के टेंडर को किसको दिया गया और किस अफसर ने दिया, ये नागरिकों को पता नहीं होता. नागरिकों को ये भी नहीं पता होता कि रोड निर्माण की जांच किन अफसरों ने की या किन अफसरों ने कितना पैसा किस ठेकेदार को देना मंजूर किया. इस प्रकार, जानकारी के अभाव में, नागरिक / कार्यकर्ता इस भ्रष्टाचार को रोक नहीं पाते

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http://www.business-standard.com/article/news-ani/gst-bill-unanimously-passed-in-parliament-443-members-in-ls-vote-in-favour-116080801634_1.html

भारतीय जनता इस प्रकार जानकारी आसानी से देख नहीं सकती है. केवल एक ही तरीका है कि उसे सूचना अधिकार पाने के लिए धक्के खाने पड़े और इसकी भी कोई गारंटी नहीं है कि सूचना अधिकार डालने से जानकारी सही प्राप्त होगी या प्राप्त होगी भी.

दूसरे देश आसानी से बहुत सारी पब्लिक रिकोर्ड और जानकारी देख सकते हैं और अपने लिए और देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं. लेकिन भारतीय जनता के सन्दर्भ में ऐसा नहीं है. इसीलिए, भारतीय लोगों को मजबूरी में या तो अनिर्णायक रहना पड़ता है या तो अंध-भक्त बनना पड़ता है.

अमेरिका जैसे दूसरे देशों में, बहुत से राज्य जैसे नेब्रास्का आदि लोकसभा, विधानसभा आदि में पेश बिल पर हुई वोटिंग को भी सार्वजानिक दिखाते हैं , किसने किस बिल पर किस प्रकार वोट किया था, रिकोर्ड का पूरा इतिहास होता है.

कृपया देखें –

https://nebraskalegislature.gov/bills/

https://legiscan.com/TX/rollcall/SB4/id/605166

B. तो समाधान क्या है ?

एक अल्प-कालीन समाधान यानी जो किसी भी स्तर पर अफसर तुरंत लागू कर सकती है वे ऐसी नागरिक-प्रामणिक, पारदर्शी सरकारी वेबसाईट बनाएँ जिसपर किस अफसर ने क्या कार्य किया और किस अफसर ने किस तिथि पर कितनी राशि को किस ठेकेदार के लिए मंजूर की उसकी विस्तृत जानकारी हो. और ये सारी जानकारी को कोई नागरिक आसानी से राशि पारित करने वाले अफसर के नाम, ठेकेदार का नाम और तिथि डालकर ढूँढ सकता है.

इस प्रकार की वेबसाईट बनने से नागरिक को हर प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए भीख नहीं मांगनी पड़ेगी और न ही अपनी जान गवाना पड़ेगा. आज, नागरिक ये पता नहीं लगा सकते कि उनके द्वारा दिए गए गवाही या सबूत एक दिन बाद या एक महीने बाद नष्ट कर दिए गए हैं. लेकिन इस प्रकार की वेबसाईट रहेगी तो सबूत और गवाई को दबाने की भी सम्भावना न के बराबर हो जायेगा. अफसर देखेगा कि सबूत को दबाया नहीं जा सकता है, अब तो लाखों-करोड़ों को दिख रहे हैं और कोई भी आसानी से जानकारी को धुंध सकता है, डाउनलोड कर सकता है. और गुंडों को भी समझ में आएगा कि गवाह ने अपना बयान सार्वजनिक कर दिया है – इसीलिए अब गवाह को मारने से कोई लाभ नहीं है. इसीलिए जब सबूत दबेंगे नहीं तो जिस क्षेत्र के लिए इस प्रकार की वेबसाईट बनेगी, उस क्षेत्र में भ्रष्टाचार और अपराध में कमी आएगी

पास किये गए भुगतान की विस्तृत जानकारी कैसे दिखाई जा सकती है, इसका एक उदाहरण यहाँ देखें  –

http://local.ohiocheckbook.com

C. तो कार्यकर्ता / नागरिक इस प्रकार के सिस्टम और कानून लाने और कम समय में अपने क्षेत्र और पूरे देश में भ्रष्टाचार और अपराध को कम करने के लिए क्या कर सकते हैं ?

1. एक कागज पर मांग लिखकर उस मांग के लिए वोटर नंबर / एड्रेस लेना और उसका फोटो इन्टरनेट पर डालकर शेयर करना –

क्योंकि नागरिक / कार्यकर्ता पूरे राज्य या पूरे देश के नागरिकों के साथ करने की तुलना में एक जिले के लोगों के साथ आसानी से काम कर सकते हैं, सभी नागरिक और कार्यकर्ता इस प्रकार की साईट को अपने स्थानीय अफसरों से मांग कर सकते हैं. हो सके तो नागरिकों को अपनी मांग अपने वोटर नंबर के साथ सार्वजानिक करनी चाहिए (वोटर नंबर नहीं हो तो अपना पता दे सकते हैं). हो सकता है कि किसी नागरिक कि ऐसी स्थिति नहीं हो कि वो अपना वोटर नंबर / पता सार्वजानिक कर सकता हो लेकिन वो दूसरों को ऐसा करने के लिए जरूर बोल सकता है. यदि 10% नागरिक भी इस प्रकार मांग अपने वोटर नंबर / पता के साथ सार्वजानिक मांग करते हैं तो ये मांग नागरिक-प्रामाणिक हो जायेगी जिसके लागू होने की सम्भावना काफी बढ़ जायेगी. नागरिक-प्रामाणिक का मतलब है कि कोई भी नागरिक समर्थन डाटा का सैम्पल लेकर, उनके पता प्राप्त कर सकता है और समपर्क करके जांच सकता है. इस प्रकार, नागरिक झूठ को सच के रूप में पेश होने से रोक सकता है.
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नीचे एक सैम्पल है कि आप किस प्रकार एक कागज पर रोड निर्माण और रोड सुधार में पारदर्शिता के लिए वेबसाईट अपने नगर निगम के कमिश्नर से कर सकते हैं. कागज पर इस प्रकार लिखिए और उसका फोटो लेकर उसे इन्टरनेट पर डाल दीजिए –
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हम, XYZ के निवासी, XYZ नगर के कमिश्नर से ये मांग करते हैं कि ऐसी वेबसाईट बनाएँ जिसमें रोड की गुणवत्ता और मरम्मत के बारे में ये जानकारी हो ताकि नागरिक रोड की गुणवत्ता पर नजर रख सकें और भ्रष्टाचार को रोक सकें –

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1. ठेकों की बोलियां और ठेकेदारों की जानकारी : ठेके किस आधार पर किसको दिए गए और अफसर का नाम जिसने निर्णय लिया
2. सरकारी व्यय के लिए जारी किए गए सभी चेक-बुक की काउंटर पैड जानकारी – अफसर का नाम जिसने भुगतान पास किया गया
3. पिछले ठेके – पहले बताये विवरण अनुसार पिछले वित्तीय वर्षों से ठेकों और व्यय वेबसाइट पर शामिल किए जाने चाहिए
4. अधिक शक्तिशाली खोज: निवासियों के लिए ठेकेदार के भुगतानों का पता लगाना आसान हो, ताकि वे आसानी से ठेकेदार के स्थान की खोज कर सकें, कौनसे अफसर ने भुगतान को पास किया था या सड़क में प्रयोग होने वाली सामग्रियों की जांच की थी, उस महीने की खोज कर सकें जब भुगतान किया गया था और निवासी ठेके और अनुदान में अंतर कर सकें.
5. सड़क में प्रयोग होने वाली सामग्रियों के नमूने की जांच की डिटेल में रिपोर्ट – अफसर जिन्होंने जांच की, उनका नाम.
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यदि आप इस मांग का समर्थन करते हैं, तो कृपया नीचे अपना नाम और वोटर नंबर डालें (यदि वोटर नंबर नहीं हो तो अपना एड्रेस डालें) ये इन्टरनेट पर सार्वजानिक रखा जायेगा ताकि दूसरे संपर्क करके जांच सकें और ताकि सरकारी अफसर ट्रान्सफर आदि द्वारा फिसल नहीं सकें और इसकी लागू होने की सम्भावना बढ़ जाये. यदि पर्याप्त वोटर नंबर समर्थन सार्वजानिक आयेंगे, तो जहाँ भी सरकारी अफसर जायेंगे, नागरिक नको ये मां न पूरी करने का अच्छा कारण देने के लिए कहेंगे कि क्यों उन्होंने इस हजारों / लाखों लोगों की मांग के लिए कुछ भी नहीं किया है.
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इसके अलावा, XYZ  नगर कमिश्नर को फोन / एस.एम.एस. करें (मोबाइल नम्बर -____) और उसको इन मांगों के बारे में सूचित करें.
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सीरियल नम्बर                          नाम                                                                            वोटर नंबर / एड्रेस (पता)
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2.आप अपने सम्बंधित अफसर जैसे नगर निगम कमिश्नर को अधिक संख्या में फोन या एस.एम.एस कर सकते हैं
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3. ट्विट्टर खाता बनाएँ जिसमें आपका वोटर नंबर या पता ट्विट्टर प्रोफाइल में हो और उचित अफसरों को ट्वीट करें उचित हैश टैग और लिंक के साथ.<
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4. अपनी मांग एस.एम.एस करके सार्वजानिक अपने वोटर नंबर के साथ दिखाएँ – मांग के लिए एस.एम.एस को इकठ्ठा करके सार्वजानिक वोटर नंबर के साथ दिखाया जा सकता है. डेमो के लिए देखें smstoneta.com/hindi
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5. वीडियो जिसमें वोटर नंबर / एड्रेस के साथ ये मांग हो  – कार्यकर्ता वीडियो बना कर वीडियो को अपलोड कर सकते हैं जिसमें ये मांगें हों और उनका वोटर नंबर या पता हो

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हमारा पूरा प्रस्ताव विस्तार से पढ़ने के लिए कृपया ये लिंक देखें –

fb.com/notes/1601170163309300

अधिक जानकारी के लिए कृपया इस ग्रुप से जुड़ें –

fb.com/groups/rrgindia और इस पेज को फोलो करें – fb.com/brvparty