चुनाव सुधार

क्यों सभी चुनाव सुधार बेकार हैं राईट टू रिकॉल सांसद, राईट टू रिकॉल विधायक के बिना ?

हम अक्सर चुनाव सुधार के बारे में बात करते हैं जिससे कि बुरे व्यक्ति के चुन कर आने की सम्भावना घटे और अच्छे व्यक्ति के चुन कर आने की संभावना बढ़े | लेकिन जब तक हमारे पास राईट टू रिकॉल नहीं है, इसकी संभावना ज्यादा बनी रहती है कि अगला चुनकर आने वाला व्यक्ति भ्रष्ट हो जायेगा | तो सबसे जरुरी और महत्वपूर्ण कार्य है राईट टू रिकॉल-सांसद, राईट टू रिकॉल-विधायक आदि | लेकिन तब एक सवाल आता है : वर्तमान सांसद कभी भी राईट टू रिकॉल के कानून नहीं बनायेगे क्योंकि ये उनके आर्थिक हितों के विरुद्ध जाता है, तब क्या हम अगले चुनाव आने तक इन्तेज़ार करेंगे और सांसदों को बदलेंगे?

देखिये, इसमें हमें अगले 5 साल तक नुक्सान होता रहेगा और इससे केवल वर्तमान सांसदों को फायदा होगा -क्योंकि वह अगले 5 साल तक बिना किसी चिंता के रिश्वत लेते रहेंगे और आगे चुनकर आने वाले सांसदों के बिक जाने की संभावना भी ज्यादा रहेगी | इसलिए इसका समाधान है कि एक व्यापक जन आंदोलन खड़ा किया जाए जिसमें नागरिकों से कहा जाए कि वे वर्तमान प्रधानमंत्री, मुख्मंत्रियों को टी.सी.पी., जो कि एक नागरिकों का प्रामाणिक, जांचा जा सकने मीडिया सिस्टम है, उसको राजपत्र में छापने के लिए मजबूर करें | एक बार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री टी.सी.पी., राजपत्र में छापने के लिए मजबूर हो गये, नागरिक प्रधानमंत्री, सभी मुख्यमंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट के जजों आदि पर राईट टू रिकॉल कानून सिर्फ कुछ महीनों में ला सकते हैं और निम्नलिखित प्रस्तावों को भी लागू कर सकते हैं –

  1. प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, महापौर, सरपंच का सीधा चुनाव करवाना
  2. इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (मतदान यन्त्र) को प्रतिबंधित करना और कागजी मतदान पत्रों का प्रयोग फिर से शुरू करना
  3. एक ही दिन चुनाव आयोजित करना
  4. चुनाव फॉर्म भरने की प्रक्रिया को आसान करना
  5. संपन्न उम्मीदवारों के लिए चुनावी जमानत राशि बढ़ाना
  6. उन नागरिक मतदाताओं की संख्या बढ़ाना जो किसी उमीदवार को स्वीकृति देने के लिए जरुरी है ताकि उमीदवार को मान्यता मिल सके और चुनाव लड़ने की अनुमति मिल सके
  7. उम्मीदवारों की संख्या सीमित करना
  8. तत्काल निर्णायक मतदान (इंस्टेंट रन-ऑफ वोटिंग) जिसे अधिक पसंद (प्राथमिकता) अनुसार मतदान भी कहते हैं
  9. उमीदवारों का उम्मीदवारी वापसी लेने के विकल्प को समाप्त करना
  10. राज्यसभा में चुनाव और राज्यसभा में सामान अनुपात वाला प्रतिनिधित्व
  11. पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र

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